कविता : पतंग

WD Feature Desk
पतंगकट जाने पर हर कोई कहता ,
जिसके हाथ लग जाए उसकी।
पतंग अटक जाती है जब तारों में ,
और कहती है जा! ना मैं तेरी न मैं उसकी।
पता नहीं रिश्तों की पतंग कोई काट दे,
इसलिये इसे अपनी डोर से बांधे रखो।
प्रेम के कांच से सूता हुआ मांजा,
स्नेह के रंग से रंगी हुई डोर  ।
ये डोर को संभालने वाला घर जैसा उचका,
आएं, हम भी रिश्तों की पतंग को ।
कन्नै की गांठ पक्की बांधकर उड़ाएं ,
तो रिश्तों की कोई पतंग कटकर
ये ना कह पाये कि मैं किसी की नहीं
ये कहे कि मैं सबकी मैं सबकी
दूर तक उड़ कर भी बसी रहे मन में 

सारिका सोनगावकर, इंदौर





सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

मदर्स डे पर शेयर करें मां पर लिखें गए ये 20 दिल छूने वाले कोट्स, स्टेटस और शुभकामना संदेश

घर के चिराग के लिए 'प्र' से शुरू होने वाले नाम और उनके अर्थ, हर नाम है एक से बढ़ कर एक

सिर दर्द को मिनटों में दूर करेंगे ये 5 योगासन, जानिए इन्हें करने का आसान तरीका

आम का रस और कैरी पना, दोनों साथ में पीने से क्या होता है?

इस मदर्स डे अपने हाथों से बनाएं मां के लिए कुछ बेहद खास, जानिए बेस्ट DIY गिफ्ट्स जो आपकी मां के चेहरे पर ला दें मुस्कान

सभी देखें

नवीनतम

रिश्तों पर हिन्दी में कविता : कहने को अपने

ऑपरेशन सिंदूर की कर्नल सोफिया कुरैशी का रानी लक्ष्मीबाई से क्या है कनेक्शन

ये वतन है हमारा और हम इसके पहरेदार हैं...युद्ध की जीत के नाम पढें ये 20 जोशीले शेर

मदर्स डे पर मां के लिए लिखें ये 10 प्यार भरी लाइनें और जीतें दिल

मदर्स डे पर शेयर करें मां पर लिखें गए ये 20 दिल छूने वाले कोट्स, स्टेटस और शुभकामना संदेश

अगला लेख