मेरे शब्द वहाँ अर्पित ना हो : हिंदी कविता

सपना सीपी साहू 'स्वप्निल'
मेरे शब्द वहाँ अर्पित ना हो,
जहाँ सुंदरता का बखान हो,
नश्वर रूप सज्जा की वाणी,
ऐसी क्षयी बोली, विराम हो।
 
मेरे शब्द वहाँ अर्पित ना हो,
जहाँ आडम्बरी प्रेमजाल हो,
श्रृंगार क्षणिकसुख की वाणी,
ऐसी मिथ्या बोली, विराम हो।
 
मेरे शब्द वहाँ अर्पित ना हो,
जहाँ धनबाहुल्यता वर्णित हो,
आनी-जानी माया की वाणी,
ऐसी अनृत बोली, विराम हो।
 
मेरे शब्द अर्पित वहाँ ही हो,
जहाँ सत्य और विश्वास हो,
जिह्वा प्रभु उपदेश की वाणी,
सर्वसुख करनी, अविराम हो।
 
मेरे शब्दों से अर्पित राष्ट्रप्रेम हो,
देशभक्तों, वीरों का गुणगान हो,
सदैव मातृभूमि सेवा की वाणी,
प्रेरणा दें, रूपांतर के प्रमाण हो।
 
 कवि श्री माखनलाल चतुर्वेदी के चरणों में समर्पित 
©® सपना सी.पी.साहू "स्वप्निल"
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन्फ्लेमेशन बढ़ने पर शरीर में नजर आते हैं ये लक्षण, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

आपको डायबिटीज नहीं है लेकिन बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवल?, जानिए कारण, लक्षण और बचाव

छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर जानिए उनके जीवन की रोचक बातें

भोलेनाथ के हैं भक्त तो अपने बेटे का नामकरण करें महादेव के इन सुन्दर नामों पर, सदा मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद

क्यों फ्लाइट से ऑफिस जाती है ये महिला, रोज 600 किमी सफर तय कर बनीं वर्क और लाइफ बैलेंस की अनोखी मिसाल

सभी देखें

नवीनतम

जानिए अल्कोहल वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स की सच्चाई, कितने हैं आपकी त्वचा के लिए सेफ

इन फलों के छिलकों को फेंकने के बजाए बनाएं शानदार हेअर टॉनिक, बाल बनेंगे सॉफ्ट और शाइनी

बच्चे कर रहे हैं एग्जाम की तैयारी तो मेमोरी बढ़ाने के लिए खिलाएं ये सुपर फूड

क्या आप भी हैं भूलने की आदत से परेशान, तो हल्दी खाकर बढ़ाएं अपनी याददाश्त, जानिए सेवन का सही तरीका

डायबिटीज और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए खाएं मेथीदाने की खिचड़ी, नोट कर लें आसान रेसिपी

अगला लेख
More