ऐसा प्रेम रहे

गिरीन्द्र प्रताप सिंह
महाराणा का प्यारा चेतक,
बसंती की प्यारी धन्नो,
क्या फर्क है दोनों में,
उनके दर्द में
जो नाल ठोकने पर हुआ था
जो नकेल खींचने पर हुआ
जब उनके पैरों से खून टपका था, 
 
हल्दीघाटी के युद्ध में
थोड़ा तो अंतर आया था
बसंती को भी 
डाकुओं से बचाया था,
 
दोनों घोड़ों से किसी ने ना पूछा
की दर्द कितना था
या कितना खून बहा 
या कितना सहन किया,
 
शायद महाराणा इतना प्रेम करते थे
अपने चेतक से,
या बसंती प्रेम करती थी 
अपनी धन्नो से,
या चेतक प्रेम करता था 
अपने राणा से, 
या धन्नो प्रेम करती थी
अपनी बसंती से, 
 
ऐसा प्रेम रहे
और ऐसे प्रेम रहे तो 
हदें अक्सर टूट जाती हैं
दर्द की सीमाएं भी
बिखरकर टूट जाती हैं। 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सार्थक बाल साहित्य सृजन से सुरभित वामा का मंच

महंगे क्रीम नहीं, इस DIY हैंड मास्क से चमकाएं हाथों की नकल्स और कोहनियां

घर में बेटी का हुआ है जन्म? दीजिए उसे संस्कारी और अर्थपूर्ण नाम

क्लटर फ्री अलमारी चाहिए? अपनाएं बच्चों की अलमारी जमाने के ये 10 मैजिक टिप्स

आज का लाजवाब चटपटा जोक : अर्थ स्पष्ट करो

अगला लेख
More