वॉट्सअप की स्थिति कुंभ मेले जैसी हो गई है. . .
चारों तरफ अखाड़े ही अखाड़े. . .(ग्रुप ही ग्रुप). . .
किसी में एक तो किसी में 2-3-4 महंत..(Admin) है....
कुछ साधु नियमित सुबह शाम प्रवचन करते हैं,कुछ हफ्ते में एक-दो बार... और कुछ साधु तो ऐसी कठोर साधना में लीन बैठे हैं जो प्रवचन भी नहीं करते और दर्शन भी नहीं देते हैं ...!!!!!