जब वह यात्री पहली बार सुपरफास्ट ट्रेन में चढ़ा तो सहयात्रियों से पूछने लगा कि गाजियाबाद कब आएगा? मुझे गाजियाबाद उतरना है।
सहयात्रियों ने बताया कि भाई ये गाड़ी फास्ट ट्रेन है,
गाजियाबाद से गुजरेगी, मगर रुकेगी नहीं।
वह यात्री घबरा गया, तब सहयात्रियों ने समझाया कि घबराओ नहीं।
गाजियाबाद में यह ट्रेन रोज स्लो हो जाती है। तुम एक काम करो, गाजियाबाद में जैसे ही ट्रेन स्लो हो तो तुम दौड़ते हुए प्लेटफॉर्म पर उतरना और फिर बिना रुके थोड़ी दूर तक ट्रेन जिस दिशा में जा रही है, उसी दिशा में दौड़ते रहना। इससे तुम गिरोगे नहीं।
गाजियाबाद आने से पहले सहयात्रियों ने मुझे गेट पर खड़ा कर दिया। गाजियाबाद आते ही सिखाए अनुसार मैं प्लेटफॉर्म पर कूदा और कुछ अधिक ही तेजी से दौड़ गया।
इतना तेज दौड़ा कि अगले कोच तक जा पहुंचा।
उस दूसरे कोच के यात्रियों में से किसी ने मेरा हाथ पकड़ा तो किसी ने शर्ट पकड़ी और मुझे खींचकर ट्रेन में चढ़ा लिया। ट्रेन फिर गति पकड़ चुकी थी।
सहयात्री मुझसे कहने लगे कि
भाई तेरा नसीब अच्छा है, जो ये गाड़ी तुझे मिल गई। ये फास्ट ट्रेन है, गाजियाबाद में तो रुकती ही नहीं।