भगवान ने भाटिया जी से पूछा अब तुम्हारा बुढ़ापा आ गया है।
कर्म के हिसाब से मुझे तुमको बीमारी देनी होगी।
तुम्हारी भक्ति की वजह से दो में से एक बीमारी चुनने का मौका देता हूँ।
या तो याददाश्त खो जाएगी या हाथ पैर काँपेंगे।
भाटिया जी ने अपने मित्र से पूछने की इजाजत लेकर मित्र से पूछा।
मित्र ने कहा कि हाथ पाँव काँपने की बीमारी माँगना।
क्योंकि गिलास में से एकाध *पेग* छलक जाए तो कोई बात नहीं।
पर बोतल रखी कहाँ हैं ये ही भूल जाओ तो भारी मुश्किल हो जाएगी।
एक सच्चा दोस्त गलत सलाह कभी नही देता।।*