रोज़ी बहुत बीमार थी..
और क़रीब क़रीब मरने के ..
कगार पर ही थी उसने अपने पति
जोसफ़ को बुलाया ..
और पूछा
मेरे हमदम सच सच बताना
मेरे मरने के कितने दिनों बाद ..
तुम दूसरी शादी कर लोगे ?
जोसफ़ बोला : मेरी जान मैं दूसरी शादी तुम्हारी कब्र जब पूरी तरह सूख जाएगी ..उसके बाद ही करूंगा
कुछ दिनों बाद रोज़ी का देहांत हो गया....
अब जोसफ़ रोज उसकी कब्र को देखने के लिए जाता कि ..
कब्र सूख गई या नहीं ..
इस तरह पंद्रह बरस निकल गए पर कब्र थोड़ी बहुत गीली ही मिलती।
एक दिन जब जोसफ़ कब्र देखने गया ..
तो वहां उसने अपने साले को देखा जिसके हाथ में एक बाल्टी थी
उसने उसको पूछा
अरे रॉबर्ट तुम यहां क्या कर रहे हो ?
तो उसका साला रॉबर्ट बोला मैं रोज अपनी बहन की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए आता हूं....दरअसल मरने के कुछ दिनों पहले उसने मुझसे वचन लिया था कि उसके मरने के बाद रोज सबेरे उसकी कब्र पर एक बाल्टी पानी ज़रूर डालूंगा ताकि उसकी कब्र गीली रहे ..
इतना सुनते ही बेचारा जोसफ़ वहीं चक्कर खाकर गिर पड़ा...
दोस्तों पत्नियों को कभी भी हल्के में ना लें चाहे वो मरने की कगार पर ही क्यों न हो उनका दिमाग़ तब भी पति के दिमाग़ के मुक़ाबले बहुत ज़्यादा तेज चलता है...