एक साहब का तकिया कलाम था- 'इससे भी बुरा हो सकता था।'
एक मर्तबा उनका एक दोस्त पसीने से सराबोर घबराया हुआ आया।
साहब ने पूछा- 'क्या हुआ?'
दोस्त ने जवाब दिया- आज मैंने अपनी बीवी को घोंचू के साथ रोमांस करते हुए देख लिया। मेरी मर्दानगी और गैरत यह बर्दाश्त न कर सकी। मैंने घोंचू और अपनी बीवी दोनों का खून कर दिया।
साहब ने कहा- इससे भी बुरा हो सकता था।
दोस्त को गुस्सा आ गया। वह बोला- मेरी बीवी मरी, मेरा दोस्त मरा, वह भी मेरे हाथों। मुझ पर खून का इल्जाम लगा। पुलिस मेरा पीछा कर रही है। इससे बुरा और क्या हो सकता था?
साहब - अगर तुम आधा घंटा पहले घर पहुंचते तो घोंचू के बजाए मैं मारा जाता।