एक बार कल्लू ट्रेन से सफर कर रहा था। जल्दी में टिकट नहीं ले पाया और ट्रेन आ गई थी। उसे पता नहीं क्या सूझा कि उसने प्लेटफॉर्म पर पड़ा एक पुराना टिकट उठा लिया और उसे पानी में डुबोकर जेब में आराम से रख लिया।
ट्रेन चल पड़ी और आधे घंटे बाद जब टीटी के आने की हलचल सुनाई पड़ी तो उसने टिकट निकालकर हाथ में ले लिया।
उसने जेब से 2 पेन निकाल कर दोनों हाथों में एक-एक पेन लेकर टिकट को पेन से पकड़ा (हाथों से दूर रखा)।
टीटी: टिकट, टिकट दिखाओ अपना...
कल्लू ने वैसे ही पेन से पकड़कर टीटी को दूर से ही टिकट दिखाने लगा। टीटी को बड़ा अजीब लगा।
टीटी (गुस्से से): ये क्या बेहूदा हरकत है, हाथ से क्यों नहीं दिखाते ?
कल्लू : कैसे छुएं इसे... टॉयलेट में गिर गया था।
टीटी: दूर रखो इसे, न जाने कहां-कहां से आ जाते हैं।