सुबह 6 बजे मेरे पड़ोसी ने मेरी बाइक की चाबी मांगी
कहा..
"मुझे लैब से रिपोर्ट लानी है।"
मैंने कहा..
"ठीक है भाई.. ले जा।"
थोड़ी देर बाद पड़ोसी रिपोर्ट ले कर वापिस आया,
मुझे चाबी दी और मुझे गले लगाया और
"बहुत बहुत धन्यवाद" कहकर अपने घर चला गया।
जैसे ही वह अपने घर गया,
गेट पर ही खड़े होकर अपनी पत्नी से कहने लगा..
"रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है!"
जब यह बात मेरे कान में पड़ी तो मैं तो गिरते-गिरते बचा..
घबराकर मैने अपने हाथ सैनिटाइज़र से साफ़ किए,
फिर बाइक को दो बार सर्फ से धोया,
फिर याद आया उसने मुझे गले भी लगाया था,
मैंने मन में सोचा..
मारा गया तू बेटा, तुझे भी अब "कोरोना" होगा
फिर मैं डेटोल साबून से रगड़-रगड़ कर नहाया
और बाथरूम में ही दुःखी होकर एक कोने में बैठ गया।
थोडी देर बाद मैंने पड़ोसी को फोन करके बोला:
"भाई, अगर आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव थी, तो कम से कम मुझे तो बख्श देते ?"
"मैं बेचारा गरीब तो बच जाता"
पड़ोसी जोर-जोर से हंसने लगा और कहने लगा..
"वो रिपोर्ट.. ?"
वो रिपोर्ट तो आपकी भाभी की प्रेग्नेंसी की रिपोर्ट थी "जो पॉजिटिव आई है!"
हर चीज़ कोरोना थोडे़ होती है!