Republic Day Essay: प्रस्तावना : जैसा कि हम सभी को पता हैं कि हर साल 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही भारतीय संविधान भी आज ही के दिन लागू हुआ था। देश के आजाद होने के बाद देश को चलाना, एक सबसे बड़ी चुनौती थी। अत: देश को सही तरह से चलाने के लिए संविधान का निर्माण किया गया।
संविधान सभा की बैठक : इसके लिए संविधान सभा की पहली बैठक नई दिल्ली स्थित काउंसिल चेंबर के पुस्तकालय भवन में 9 दिसंबर 1946 को हुई थी। और डॉ. राजेंद्र प्रसाद 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा के स्थायी सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे।
भारतीय न्यायाधीश बेनेगल नरसिम्हा राव (बी.एन. राव) द्वारा आयोजित किए गए इस संविधान सभा में 29 अगस्त 1947 को एक संकल्प पारित करके प्रारूप समिति का गठन किया गया और इसका अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर को चुना गया। प्रारूप समिति में सदस्यों की संख्या कुल सात थीं, जिसमें डॉ. भीमराव आंबेडकर, एन. गोपाल स्वामी आयंगर, अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, कन्हैया माणिकलाल मुंशी, सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला, एन. माधव राव, डी.पी. खेतान शामिल थे।
संविधान का प्रारूप : कुल 114 दिन संविधान के प्रारूप पर बहस हुई और इस प्रकार भारतीय संविधान के निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष 11 महीना और 18 दिन लगे थे। इस कार्य पर लगभग 6.4 करोड़ रुपए खर्च हुए। साथ ही भीमराव अंबेडकर ने विश्व के महत्वपूर्ण 60 देशों के संविधानों को बारीकी से अध्ययन किया और भारत का संविधान 26 जनवरी 1949 को बनकर तैयार हुआ तथा 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था। जब इसे लागू किया गया था, तब इसमें कुल 22 भाग 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं।
वर्तमान समय में भारतीय संविधान में 25 भाग 395 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां हैं। संविधान सभा का अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई थी और उसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया था।
संविधान की शुरुआत : 26 जनवरी सन् 1950 को हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान भी लागू हुआ था। इसी कारण प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारतीय गणतंत्र दिवस मनाया जाता है तथा 'गणतंत्र दिवस' भारत का राष्ट्रीय पर्व होने से हर धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग यानी प्रत्येक भारतवासी पूरे जोश, उत्साह और सम्मान के साथ मनाता है।
26 जनवरी सन् 1950 को हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान भी लागू हुआ था। इसी कारण प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारतीय गणतंत्र दिवस मनाया जाता है तथा 'गणतंत्र दिवस' भारत का राष्ट्रीय पर्व होने से हर धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग यानी प्रत्येक भारतवासी पूरे जोश, उत्साह और सम्मान के साथ मनाता है।
कार्यक्रम और आकर्षण : इस अवसर पर भारत की राजधानी दिल्ली में विशेष आयोजन के तहत विजय चौक से लाल किले तक होने वाली परेड आकर्षण का प्रमुख केंद्र होने के साथ-साथ इस अवसर पर देश और विदेश के गणमान्य जनों को आमंत्रित किया जाता है। खास तौर पर इस परेड में तीनों सेना के प्रमुख सलामी देते हैं तथा भारतीय सेना द्वारा प्रयोग किए जाने वाले हथियार, प्रक्षेपास्त्र एवं शक्तिशाली टैंकों का प्रदर्शन परेड के माध्यम से करके सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को दर्शाया जाता है।
उपसंहार : इस दिन सभी सरकारी संस्थानों, शिक्षण संस्थानों में ध्वजारोहण, झंडा वंदन करने के पश्चात 'जन-गन-मन' राष्ट्रगान का गायन होता है और देशभक्ति से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। तथा इन कार्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मान, पुरस्कार प्रदान किए जाते है और मिठाई दी जाती हैं। इस दिन को गांवों, छोटे-छोटे कस्बों से लेकर शहरों तक प्रत्येक भारतवासी बेहद उत्साहपूर्वक इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं।