हिन्दी इंटरनेट जगत में 23 सितंबर 1999 एक क्रांति दिवस के रूप में आया जब विश्व के पहले हिन्दी पोर्टल वेबदुनिया डॉट कॉम की शुरुआत हुई। हिन्दी इंटरनेट की राह देख रहे भारतवासियों के लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था जिसने भाषाई समाज के लिए सूचना–महामार्ग का प्रवेशद्वार खोल दिया।
वेबदुनिया ने न केवल हिन्दी को वेब के पन्नों पर उतार कर भारतीय भाषाई इंटरनेट के सपने को सच कर दिखाया बल्कि फ़ॉन्ट की निर्भरता में उलझे हिन्दी कंप्यूटर को डायनैमिक फ़ॉन्ट के द्वारा इसपर निर्भर रहे बिना पोर्टल को देखने की तकनीक दी।
वेबदुनिया ने हाल ही में अपने सफलतम 15 वर्ष पूरे किए हैं और वह आज भी अप्रवासी भारतीयों से लेकर ग्रामीण अंचलों में रहने वाले आम नागरिक तक के लिए प्रामाणिक और विशिष्ट सामग्री दे रही है। समाचारों के साथ ही, यह विचार, सामयिक मुद्दे, ज्योतिष, धर्म, महिलाओं व बच्चों के खंड, मनोरंजन, बॉलीवुड, पर्यटन, सेहत, रोमांस, चुटकुले, साहित्य, हिन्दी, संस्कृत जैसे नए आयामों को हर दिन जोड़ती हुई निरंतर पल्लवित और पुष्पित हो रही है।
क्रिकेट का रोमांच हो या चुनावी सरगर्मियाँ, वेबदुनिया अपने विशेष पृष्ठों की बेहतरीन प्रस्तुति और प्रामाणिक जानकारी के साथ पाठकों तक द्रुत गति से पहुँच रही है। आस्था के संगम इलाहाबाद कुंभ के विस्तृत कवरेज, भारतीय धर्मप्राण जनता के लिए संपूर्ण रामचरित मानस, ज्योतिष में पत्रिका मिलान से लेकर जन्म कुंडली निर्माण तक और रामशलाका की प्रश्नावली से टैरो कार्ड तक वेबदुनिया की हर विशिष्ट प्रस्तुति ने हिन्दी प्रेमियों का दिल जीता है।
वेबदुनिया की सबसे मुख्य और विनम्र भूमिका दूर देशों में बसे अप्रवासी भारतीयों को जोड़ने और उन तक भारतीय कला, धर्म, संस्कृति, व्रत, त्योहार, मुहूर्त और परंपरा को हिन्दी और अन्य 8 भारतीय भाषाओं में पहुंचाने की रही है। हिन्दी से शुरू हुई वेबदुनिया की सेवाएँ आज सात भारतीय भाषाओं तक पहुँच चुकी है।