वेबसाइटों का हिन्दीकरण होने के बावजूद उनके पते अंग्रेजी में लिखना बाध्यता थी। केवल हिन्दी जानने वाले इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए यह समस्या थी कि वे वेबसाइट का पता कैसे टाइप करें।
वेब पते के हिन्दीकरण की माँग ने जोर पकड़ा और 2011 में अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइंड नेम्स एंड नंबर यानी आइसीएएनएन ने भारत सरकार की हिन्दी सहित 7 क्षेत्रीय भाषाओं में वेब पते लिखे जाने से जुड़े आवेदन को मंजूरी दी।
अगस्त 2014 में डॉट भारत एक्सटेंशन लॉन्च हुआ और लोगों को वेबसाइट का पता हिन्दी में लिखने की सुविधा मिली। हिन्दी की प्रथम साइट : www.हरहरमहादेव.com थी। 21 अगस्त से वेबदुनिया भी देवनागरी यूआरएल के साथ अपने पाठकों के लिए उपलब्ध है।