पुस्तक समीक्षा : काव्य संग्रह "देखणी"

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प्रकाश देशपांडे केजकर 
इस संग्रह में एक वरदान मांगा गया है कि जिंदगी का रमणीय सतरंगी बुलबुला व्यर्थ न हो, कि दरख्तों से झांकता रोशन सूर्य अस्त न हो, विनाश तत्व के झपट्टे में भी भूमि की उग्रगंधी धूल गमकती रहे और जीने का समृद्ध कबाड़ पूरे घर भर में जमा होता रहे। इन सभी सचेतन बिम्बों में जिजीविषा का स्रोत उफन-उफनकर बहता है।
 
यह प्रवृत्ति महानगरीय कविता की मृत्युग्रस्त प्रवृत्ति पर चोट है। मृत्यु के प्रति एक सचेत एहसास के कारण जीवन के प्रति इसकी निष्ठा खोखली नहीं है, उसमें एक दृढ़ता है। इस तरह हमेशा अच्छी जिंदगी पर मृत्यु का अंकुश तना होता है इसलिए नेमाड़ेजी की कविता मृत्यु के एहसास से ध्वनित विनाश तत्व को अनदेखा कर कोरे आशावाद की तरफ नहीं झुकती। वह महानगरीय कविता की तरह मृत्यु की प्रभुसत्ता को तटस्थता से स्वीकार नहीं  करती, बल्कि इस प्रभुसत्ता को चुनौती देने वाले जीवनदायी प्रेरणाओं के संदर्भ मजबूती से खड़ी करती है। इस विनाश तत्व को मात देता जीवन के प्रति अदम्य उत्साह और उससे  स्वभावत: प्राप्त जुझारूपन नेमाड़ेजी का स्थायी भाव है। उनकी इसी विलक्षण जीवन-दृष्टि  का दर्शन उनकी कविताओं में भी होता है।
 
लेखक परिचय : भालचन्द्र नेमाड़े ,महाराष्ट्र के सांगवी जिला जलगांव में 27 मई 1938 को जन्म। पुणे तथा मुंबई  विश्वविद्यालयों से एमए और औरंगाबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी। 
 
प्रमुख कृतियां - उपन्यास : कोसला, बिढ़ार, हूल, जरीला तथा झूल; काव्य : मेलडी तथा  देखणी; आलोचना : साहित्याची भाषा, टीका स्वयंवर, साहित्य संस्कृति आणि  जागतिकीकरण, Tukaram (साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित) The influence of  English on Marathi; Indo-Anglian Writings; Frantz Kafka : A  Country Doctor; Nativism : Deshivad अनेक भाषाओं में रचनाओं के  अनुवाद।
 
सम्मान एवं पुरस्कार -  बिढ़ार (उपन्यास)- महाराष्ट्र साहित्य परिषद का हना आपटे पुरस्कार, झूल (उपन्यास)- यशवंतराव चव्हाण पुरस्कार, साहित्याची भाषा (आलोचना)-  कुरुंदकर पुरस्कार, टीका स्वयंवर (आलोचना)- साहित्य अकादमी पुरस्कार, देखणी (कविता  संग्रह)- कुसुमाग्रज पुरस्कार, समग्र साहित्यिक उपलब्धियों के लिए महाराष्ट्र फाउंडेशन का गौरव पुरस्कार, शिक्षा एवं साहित्यिक योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान, कुसुमाग्रज जनस्थान पुरस्कार, एनटी रामाराव नेशनल लिटरेरी अवॉर्ड, बसवराज कट्टिमणि  नेशनल अवॉर्ड, महात्मा फुले समता पुरस्कार, समग्र कृतित्व के लिए 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार।
 
अनुवादक परिचय - डॉ. गोरख थोरात, महाराष्ट्र के संगमनेर जिला अहमदनगर में सन् 1969 को जन्म। पुणे विश्वविद्यालय से  एमए तथा पीएचडी।
प्रकाशित कृतियां : 'चित्रा मुद्गल के कथा साहित्य का अनुशीलन’, 'प्रयोजनमूलक हिन्दी’,  'ऐसा सहारा और कहां’; अनुवाद : भालचन्द्र नेमाड़े के 'हिन्दू’ व 'झूल’ (उपन्यास) तथा  'देखणी’ (कविता संग्रह) के अलावा कई शैक्षिक पुस्तकों के अनुवाद।
 
पुस्तक : देखणी
लेखक : भालचन्द्र नेमाड़े
अनुवादक : डॉ. गोरख थोरात
प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन 
मूल्य : 250/- 
पेज : 80 
आईएसबीएन : 978-81-267-2990-6 
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