Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Digestive System ठीक करना है तो जानें कब, क्यों और कैसे करें भोजन, पढ़ें आहार के सामान्य नियम

हमें फॉलो करें Digestive System ठीक करना है तो जानें कब, क्यों और कैसे करें भोजन, पढ़ें आहार के सामान्य नियम
Your meal planning
 
अनीति यानी पाप से कमाए पैसे के भोजन से मन दूषित होता है यानी कि 'जैसा खाओ अन्न वैसा बने मन'। वहीं तले हुए, मसालेदार, बासी, रूखे एवं गरिष्ठ भोजन से मस्तिष्क में काम, क्रोध, तनाव जैसी वृत्तियां जन्म लेती हैं। 

भोजन से केवल भूख ही शांत नहीं होती बल्कि इसका प्रभाव तन, मन एवं मस्तिष्क पर पड़ता है। भूख से अधिक या कम मात्रा में भोजन करने से तन रोगग्रस्त बनता है। 

भोजन से ऊर्जा के साथ-साथ सप्त धातुएं (रक्त, मांस, मज्जा, अस्थि आदि) पुष्ट होती हैं। केवल खाना खाने से ऊर्जा नहीं मिलती, खाना खाकर उसे पचाने से ऊर्जा प्राप्त होती है। परंतु भागदौड़ एवं व्यस्तता के कारण मनुष्य शरीर की मुख्य आवश्यकता भोजन पर ध्यान नहीं देता। जल्दबाजी में जो मिला, सो खा लिया या चाय-नाश्ता से काम चला लिया। इससे पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और भोजन का सही पाचन नहीं हो पाता। 
 
भोजन का सही पाचन हो सके इसके लिए इन बातों पर गौर करें-
 
कब करें भोजन- एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है, 'सुबह का खाना स्वयं खाओ, दोपहर का खाना दूसरों को दो और रात का भोजन दुश्मन को दो।' वास्तव में हमें सुबह 10 से 11 बजे के बीच भोजन कर लेना चाहिए ताकि दिनभर कार्य करने के लिए ऊर्जा मिल सके। कुछ लोग सुबह चाय-नाश्ता करके रात्रि में भोजन करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता। दिन का भोजन शारीरिक श्रम के अनुसार एवं रात का भोजन हल्का व सुपाच्य होना चाहिए। रात्रि का भोजन सोने से दो या तीन घंटे पूर्व करना चाहिए। तीव्र भूख लगने पर ही भोजन करना चाहिए। नियत समय पर भोजन करने से पाचन अच्छा होता है।
 
कैसे करें भोजन- हाथ-पैर, मुंह धोकर आसन पर पूर्व या दक्षिण की ओर मुंह करके भोजन करने से यश एवं आयु बढ़ती है। खड़े-खड़े, जूते पहनकर सिर ढंक कर भोजन नहीं करना चाहिए। भोजन को अच्छी तरह चबाकर करना चाहिए। वरना दांतों का काम (पीसने का) आंतों को करना पड़ेगा जिससे भोजन का पाचन सही नहीं हो पाएगा। 
 
भोजन करते समय मौन रहना चाहिए। इससे भोजन में लार मिलने से भोजन का पाचन अच्छा होता है। टीवी देखते या अखबार पढ़ते हुए खाना नहीं खाना चाहिए। स्वाद के लिए नहीं, स्वास्थ्य के लिए भोजन करना चाहिए। स्वादलोलुपता में भूख से अधिक खाना बीमारियों को आमंत्रण देना है। भोजन हमेशा शांत एवं प्रसन्नचित्त होकर करना चाहिए।
 
क्या न खाएं- दूध-खीर के साथ खिचड़ी नहीं खाना चाहिए। रात्रि को दही, सत्तू, तिल एवं गरिष्ठ भोजन नहीं करना चाहिए। दूध के साथ नमक, दही, खट्टे पदार्थ, मछली, कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए। शहद व घी का समान मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
 
भोजन के बाद तुरंत क्या न करें- भोजन के तुरंत बाद पानी या चाय नहीं पीना चाहिए। भोजन के पश्चात घुड़सवारी, दौड़ना, बैठना, शौच आदि नहीं करना चाहिए।
 
भोजन के पश्चात क्या करें- भोजन के पश्चात दिन में टहलना एवं रात में सौ कदम टहलकर बाईं करवट लेटने अथवा वज्रासन में बैठने से भोजन का पाचन अच्छा होता है। भोजन के एक घंटे पश्चात मीठा दूध एवं फल खाने से भोजन का पाचन अच्छा होता है। 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जीरा और गुड़ का पानी बचाएगा मौसमी संक्रमण से, जानें कैसे बनाएं