-प्रथमेश व्यास
विश्व रेड क्रॉस डे या रेड क्रिसेंट डे को पूरी दुनिया में 8 मई को मनाया जाता है। इस दिन को हेनरी ड्यूरेंट की जन्म जयंती का प्रतीक माना जाता है, जो रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के संस्थापक हैं। हेनरी ड्यूरेंट को नोबेल शांति पुरस्कार भी प्राप्त है।
उनका जन्म 8 मई, 1828 को हुआ था। इस दिन को विश्व भर के देशों की रेड क्रॉस सोसाइटीज में मनाया जाता है। वर्ल्ड रेड क्रॉस सोसाइटी भोजन की कमी, प्राकृतिक आपदाओं, युद्धों तथा महामारियों के दौरान आम लोगों की सहायता के लिए कार्य करती है।
विश्व रेड क्रॉस डे 2022 की थीम:
वर्ष 2022 में रेड क्रॉस डे की थीम रखी गई है - #BEhumanKind ( मानव के प्रति दयालुता का भाव रखें).
हम सभी जानते हैं कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते सम्पूर्ण मनाव जाती ने अपार दुःख भोगे हैं। इसके अलावा बढ़ती जनसंख्या, जलवायु संकट, संसाधनों की कमी जैसी समस्याओं से भी हम सभी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लेकिन, इन सबके बावजूद दयालुता और मानवता दर्शाने वाले कई मामले सामने आए हैं, जिसने मनाव जाति के बीच उम्मीद की किरण को जगाए रखा।
कहा जा सकता है कि दयालुता का स्थान सभी नैतिक आदर्शों में सर्वोपरि है। इसलिए, इस साल विश्व रेड क्रॉस डे पर दयालुता के कार्यों का जश्न मनाया जाएगा तथा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से ये दिखाया जाएगा की दयालुता के प्रभाव का वैश्विक महत्व कितना है।
विश्व रेड क्रॉस डे का इतिहास:
इस दिन को हेनरी ड्यूरेंट की जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने रेड क्रॉस की अंतराष्ट्रीय समिति की स्थापना की थी, जिसके लिए उन्हें पहला नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था। प्रथम विश्व युद्ध के बाद साल 1919 में रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटी की अंतराष्ट्रीय समितियों का गठन किया गया था। इन संस्थाओं का उद्देश्य था-विकट परिस्थितियों में निःस्वार्थ भाव से मानव जाति की सेवा करना। प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से रेड क्रॉस सोसाइटी के आदर्शों और उपलब्धियों को याद करते हुए इस दिन को हर वर्ष एक उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।
मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, आजादी, स्वैच्छिक सेवा, सार्वभौमिकता एवं एकता जैसे आदर्श रेड क्रॉस सोसाइटी के आदर्शों की सूची में शामिल है।