क्या आप जानते है कि 25 सितंबर को वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे (World Pharmacist Day) मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरूआत 2009 में इस्तांबुल में हुई थी, जिसका उद्देशय था कि स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने में फार्मासिस्ट के योगदान को याद रखना। साथ ही आपको ये भी जरूर जानना चाहिए कि मेडिकल के क्षेत्र में फार्मासिस्ट किस तरह से योगदान देते है और वे क्या काम करते हैं?
मेडिकल के क्षेत्र में करीयर बनाने के लिए विभिन्न फील्ड व विकल्प होते है, उन्हीं में से एक है फार्मेसी की पढ़ाई व कोर्स। फार्मासिस्ट को केमिस्ट भी कहा जाता है, फार्मासिस्ट बनकर आप डॉक्टर द्वारा लिखी गयी दवाओं को देनें के लिए क्लीनिक खोल सकते हैं।
आइए, जानते है कि फार्मासिस्ट बनने के लिए क्या करना होगा -
1.डी फार्मेसी कोर्स करें :
डी.फार्मा को डिप्लोमा इन फार्मेसी कहते है, यह दो वर्ष का डिप्लोमा कोर्स होता है, भारत में फार्मासिस्ट बननें के लिए यह न्यूनतम योग्यता है। हालांकी बी. फार्मा की वैल्यू अधिक होती है, परन्तु आप डी. फार्मा करके भी बी. फार्मा कर सकते है, इसके लिए आपको बी .फार्मा के दूसरे वर्ष में प्रवेश प्राप्त हो जाता है, जिसे लेटरल एंट्री कहते है |
2. बी.फार्मेसी कोर्स करें :
बी.फार्मेसी यानि कि बैचलर ऑफ फार्मेसी एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है, जो चार वर्ष का होता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप फार्मासिस्ट की प्रैक्टिस शुरू कर सकते है।
3. एम फार्मा कोर्स करें : बी.फार्मेसी के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए एम फार्मा करना होता है। जो लोग आगे भी पढ़ना चाहते है वे एम फार्मा के बाद पीएचडी करके रिसर्च के क्षेत्र में भी जा सकते है।
फार्मेसी का कोर्स कौन कर सकते हैं?
फार्मेसी के कोर्स में प्रवेश प्राप्त करने के लिए विधयर्थी को 12वीं (जीव विज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान) साइंस विषय से करनी होती है, जिसे कम से कम 50 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण करना होता है। उसके बाद ही आप इस क्षेत्र से जुड़े किसी भी कोर्स में प्रवेश पा सकते है।