Shah Rukh Khan को क्यों हुई Heat Stroke की समस्या? डॉक्टर से जानें कितनी जानलेवा है ये बीमारी
गर्मियों में क्यों होती है हीट स्ट्रोक की समस्या? जानें दिमाग पर कैसे पड़ता है इसका असर
Shah Rukh Khan Hospitalized
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शाहरुख खान को हीट स्ट्रोक के कारण हॉस्पिटल में भर्ती किया।
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इस स्थिति में शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट से अधिक पहुंच सकता है।
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हीट स्ट्रोक अन्य ऑर्गन को भी प्रभावित कर सकती है।
Shah Rukh Khan Hospitalized : बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान अहमदाबाद के KD हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। डिहाइड्रेशन और खांसी के चलते अभिनेता शाहरुख खान को अंडर ऑब्जर्वेशन के लिए एडमिट किया था। 22 मई की शाम 4 बजे के करीब एक्टर को अस्पताल लाया गया था। हालांकि उनकी तबीयत अब ठीक है और 23 मई को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
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क्या थी शाहरुख खान की अस्पताल जाने की वजह?
क्या होता है हीट स्ट्रोक का मतलब?
हीट स्ट्रोक तब होता है जब बाहर के वातावरण का तापमान इतना अधिक होता है कि शरीर तापमान को नियंत्रित करने के लिए पसीना नहीं बहा पाता है। शरीर तेजी से गर्म हो जाता है और पसीना निकलना बंद हो जाने के कारण इसे ठंडा करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में आपके शरीर का तापमान केवल 15 मिनट में 104 डिग्री फारेनहाइट या इससे अधिक तक पहुंच सकता है। ऐसे मामलों में, शरीर में सोडियम और पोटेशियम जैसे गुणों की कमी हो जाती है। शरीर में नमक की कमी के कारण अन्य ऑर्गन भी प्रभावित होते हैं।
कैसे होता है हीट स्ट्रोक?
गर्मियों में हीट स्ट्रोक आम समस्या है। हीटस्ट्रोक आमतौर पर तब होता है जब लंबे समय तक उच्च तापमान का सामना करना पड़े या गर्म वातावरण में ज्यादा एक्सरसाइज के कारण शरीर गर्म हो गया हो। गंभीर स्थिति तब होती है जब शरीर का तापमान 104 डिग्री फारेनहाइट या उससे अधिक तक पहुंच जाता है।
क्या हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण?
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शरीर का तापमान 104 या उससे अधिक डिग्री फारेनहाइट होना इसका सबसे शुरुआती और मुख्य संकेत है।
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अस्पष्ट वाणी, भ्रम, व्याकुलता, चिड़चिड़ापन जैसी स्थिति होना।
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पेट में दर्द महसूस होना और उल्टी जैसा मन करना।
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लू लगने के कारण बुखार आना, शरीर में थकान लगना, कमजोरी लगना।
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ड्राई आंखों के साथ आंखों में जलन, चुभन और लालपन की समस्या भी होती है।
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डिहाइड्रेशन के कारण थकान, कमजोरी या सिर दर्द की समस्या होने लगती है।
क्या हीट स्ट्रोक से शरीर के ऑर्गन हो सकते हैं खराब?
कंसल्टेंट फिजिशियन डॉ प्रशांत जैन ने बताया कि हीट स्ट्रोक अन्य ऑर्गन को भी प्रभावित कर सकता है। लू लगने के कारण बुखार आना, शरीर में थकान लगना, कमजोरी हो सकती है। अगर लू की समस्या गंभीर हो जाए तो ये मल्टी ऑर्गन को भी प्रभावित कर सकती है।
किस उम्र के लोग रहें सतर्क?
डॉ प्रशांत ने बताया कि गर्मियों में सबसे ज्यादा खतरा हीट स्ट्रोक का होता है। इस तरह धूप में निकलना जानलेवा हो सकता है लेकिन यह बॉडी पर भी निर्भर करता है। हालांकि सबसे ज्यादा बुजुर्गों को इससे सावधान रहने की ज़रूरत है। साथ ही बढ़ती उम्र के साथ इन बातों का ख्याल रखना ज़रूरी है।
क्या हीट स्ट्रोक दिमाग पर भी करता है असर?
डॉक्टर के अनुसार दिमाग पर भी इसका असर हो सकता है। अगर हमारे शरीर में बहुत ज्यादा डिहाइड्रेशन हो गया है, ज्यादा पसीना आ गया या लंबे समय तक धूप में रहने के बाद व्यक्ति में कन्फ्यूजन होने लगता है। कुछ केस में ज्यादा डिहाइड्रेशन के कारण दिमाग की कोशिकाएं भी डैमेज हो सकती हैं।
हीट स्ट्रोक से कैसे बचें?
1. खुद को हाइड्रेटेड रखें : नियमित रूप से ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। अत्यधिक गर्मी के कारण ज्यादा पसीना आने से डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए पानी पीना ज़रूरी है।
2. हल्के रंग और फैब्रिक के कपड़े पहनें : हल्के रंग और फैब्रिक के कपड़े पहनने से हीट अब्सॉर्ब नहीं होती है। गर्मी के मौसम में हल्के और सांस लेने योग्य कपड़े चुनें।
3. धूप में बाहर जाने से बचें : इसके बजाय जब सूरज ढल जाए या शाम को जब बाहर काफी ठंडक हो तब बाहर जाएं।
4. आराम करें : गर्मी थका देने वाली होती है, इसलिए खुद को आराम करने के लिए कुछ समय दें और अपने शरीर को ठीक होने दें।
5. ऐसी डाइट रखें : अन्य हाइड्रेटिंग तरल पदार्थ जैसे लस्सी, नींबू पानी, छाछ या ओआरएस पिएं जो इलेक्ट्रोलाइट स्तर को बनाए रख सकते हैं। शराब, चाय, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन न करें क्योंकि ये आपको और अधिक निर्जलित कर सकते हैं।
गर्मियों में अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। ज़रूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें। बाहर जाते समय छाते, सूती कपड़ा, सनग्लासेज पहनें और अन्य सावधानी रखें। अगर आपको लू के लक्षण दिखाई देते हैं तो घरेलू उपचार से बचें और तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।