Monkey pox के लक्षण दिखें तो तत्काल करें ये टेस्ट, भारत ने लॉन्च की RT-PCR किट, 40 मिनट में मिलेगा रिजल्ट
कोविड टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर से बनाई मंकीपॉक्स के लिए किट
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सालाना 10 लाख Monkey pox किट को होगा प्रोडक्शन।
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स्वदेशी किट 40 मिनट में देगी संक्रमण का रिजल्ट।
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अभी जांच की रिपोर्ट आने में 2 घंटे से ज्यादा समय लगता है।
डब्लूएचओ (WHO) ने हाल ही में मंकीपॉक्स को लेकर दूसरी बार हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। ऐसे में भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट हो गया है। भारत ने एक स्वदेशी RT-PCR किट डेवलप की है, जो इस संक्रमण का पता लगा सकेगी। किट की खास बात यह है कि सिर्फ 40 मिनट में इसके रिजल्ट आ जाएंगे। इस किट का नाम IMDX Monkeypox Detection RT-PCR Assay है। इसे Siemens Healthineers ने तैयार किया है। यह किट बनाने वाली कंपनी इसका सालाना 10 लाख प्रोडक्शन करेगी।
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सिर्फ 40 मिनट में रिजल्ट :
यह किट पारंपरिक तरीकों की तुलना में काफी तेजी से रिजल्ट देती है। पारंपरिक तरीकों से मंकीपॉक्स का पता लगाने में 1-2 घंटे लगते थे, जबकि यह किट सिर्फ 40 मिनट में रिजल्ट देती है। इससे मंकीपॉक्स का पता लगाने में लगने वाला समय कम होगा, जिससे इलाज भी जल्दी शुरू हो सकेगा।
RT-PCR किट कैसे करेगी काम :
IMDX मंकीपॉक्स RTPCR किट भारतीय वैधानिक दिशानिर्देशों के तहत बनाई गई है और वैश्विक मानकों के अनुरूप है। यह किट मॉलिक्यूलर टेस्ट है जो वायरस के जीनोम में दो अलग क्षेत्रों को टारगेट करता है, जिससे दोनों वैरिएंट का पता लगाया जा सकता है। यह टेस्ट किट अलग-अलग वायरल स्ट्रेन्स का पूरी तरह से पता लगाने और व्यापक रिजल्ट देने की क्षमता रखता है।
कोविड टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल :
यह किट किसी भी प्लेटफॉर्म पर काम कर सकती है और स्टैंडर्ड PCR सेटअप के साथ मौजूदा लैब फ्लोवर्क में आसानी से फिट हो जाती है। इससे किसी नए इंस्ट्रूमेंट की जरूरत नहीं होती। मौजूदा कोविड टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करने से इसकी क्षमता में इजाफा होगा।
सालाना 10 लाख किटों का प्रोडक्शन :
सीमेंस हेल्थनियर्स द्वारा निर्मित यह किट मेक इन इंडिया पहल की बड़ी उपलब्धि है। यह किट मंकीपॉक्स के दोनों स्ट्रेन, क्लैड-1 और क्लैड-2, का पता लगाने में सक्षम है। सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने घोषणा की है कि यह किट वडोदरा में उनकी एक इकाई में बनाई जाएगी और सालाना 10 लाख किटों का उत्पादन किया जाएगा।
इस स्वदेशी किट के निर्माण से भारत मंकीपॉक्स के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ गया है। यह किट न केवल संक्रमण का पता लगाने में मदद करेगी, बल्कि समय पर इलाज शुरू करने में भी सहायक होगी। यह किट भारत की क्षमता और मेक इन इंडिया पहल की सफलता का प्रमाण है, जो वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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