how to make your heart healthy : इन दिनों हार्ट अटैक से मरने वालों की खबर बहुत आम हो गई है। अक्सर जिम में एक्सरसाइज या शादी में डांस करते हुए लोगों की मौत हो रही है। यहां तक कि अब तो बैठे बैठे ही लोगों को दिल के दौरे आ रहे हैं।
ऐसे में अपने हार्ट को हेल्दी रखना बहुत जरूरी हो गया है। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि किन चीजों को खाने से आपका हार्ट फौलाद की तरह हेल्दी होगा।
क्या कहती है ये रिसर्च : एक रिसर्च में पाया गया है कि एनिमल बेस्ड फैट से हार्ट को कोई फायदा नहीं होता है, बल्कि उसकी जगह यदि प्लांट बेस्ड फैट का सेवन किया जाए तो हार्ट लोहे की तरह मजबूत बन सकता है। यानी अगर आप मीट, फिश, चिकेन, सीफूड आदि से फैट की प्राप्ति कर रहे हैं तो इसकी जगह सब्जियां, बादाम, अखरोट, सीड्स आदि से हेल्दी फैट प्राप्त करें जो कि हार्ट को फौलाद बना सकता है।
अनसैचुरेटेड प्लांट फैट देगा बूस्ट : रिसर्च में कहा गया कि एनिमल फैट की जगह यदि आप अनसैचुरेटेड प्लांट फैट का सेवन करेंगे तो गांरटी के साथ आपका कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ बूस्ट होगा। इससे हार्ट के मसल्स मजबूत होते हैं। रिसर्च में शोधकर्ताओं ने दो स्टडी का विश्लेषण किया। इसमें एक ग्रुप के लोगों के लोगों को 16 सप्ताह तक सैचुरेटेड एनिमल फैट का सेवन करने को कहा गया जबकि दूसरे ग्रुप को प्लांट बेस्ड अनसैचुरेटेड फैट का सेवन करने को कहा गया। इसके बाद खून का परीक्षण किया गया। अब स्टडी में यह देखा कि किसे कौन सी बीमारी हुई और उनका कार्डियोलैस्कुलर हेल्थ कैसा रहा। जब फैट के साथ इसका संबंध जोड़ा गया तो हैरान करने वाले नतीजे सामने आए।
कितनी फायदेमंद है मेडिटेरियन डाइट : स्वीडन में चालमर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के सीनियर रिसर्चर क्लीमेंस विटेनबेचर ने बताया कि अध्ययन में यह साफ देखा गया कि जिन लोगों ने अनसैचुरेटेड फैट का सेवन किया, उनकी हेल्थ में महत्वपूर्ण सुधार हुआ। इनका हार्ट पहले से ज्यादा फंक्शनली एक्टिव हो गया। वहीं जिन लोगों ने एनिमल फैट को छोड़कर प्लांट बेस्ड फैट का सेवन किया उनमें तो और अधिक सुधार देखा गया। खासकर यदि आप मेडिटेरियन डाइट लेते हैं तो इससे कार्डियवैस्कुलर हेल्थ बहुत बेहतर हो जाएगा।
क्या है मेडिटेरियन डाइट : मेडिटेरियन डाइट में मुख्य रूप से हरी पत्तीदार सब्जियां, ताजे फली, फलीदार सब्जियां जैसे कि मूंग की दाल, छोले, राजमा, बींस आदि, बादाम, अनाज, मोटा अनाज, मछलिया, ऑलिव ऑयल आदि शामिल होते हैं। अध्ययन में सैचुरेटेड फैट का 16 सप्ताह तक सेवन करने वाले ब्लड सैंपल का जब परीक्षण किया गया तो बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसेराइड्स की मात्रा बहुत कम हो गई। वहीं गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ गई।
Edited By: Navin Rangiyal