अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पेसमेकर के विकल्प के तौर पर एक बायोनिक कार्डियक पैच का निर्माण किया है। इस बायोनिक कार्डियक पैच में बहुत सूक्ष्म (नैनो स्केल) इलेक्ट्रॉनिक पट्टी पर हृदय कोशिकाएं जड़ी हुई होती हैं। यह कार्डियक पैच हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त हुई दिल की मांसपेशी के विकल्प के रूप में काम करता है। यह पेसमेकर की ही तरह धड़कन अनियमित होने (अरिदमिया) पर हृदय को इलेक्ट्रिक शॉक देकर धड़कन दुरुस्त करता है।
यह पेसमेकर से इसलिए बेहतर है क्योंकि ये अरिदमिया को पहले ही भांप लेता है और उसे ठीक करने में लग जाता है। साथ ही, चूंकि यह पैच त्वचा पर होने की बजाय सीधे हृदय पर ही लगा होता है, इसलिए इसमें काफी कम वोल्टेज के विद्युत प्रवाह की जरूरत होती है। यह पैच केवल बेहतर पेसमेकर की तरह ही काम नहीं करेगा, इसके और भी उपयोग हो सकते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पैच हृदय रोग के लिए दी जाने वाली दवाइयों के प्रभाव पर भी नजर रख सकता है।