दुनिया में कोविड-19 का कहर अभी भी जारी है। इससे बचाव के लिए शोध लगातार किए जा रहे हैं। हालांकि कोविड वैक्सीन के बाद से कोरोना की रफ्तार काफी हद तक कम हो चुकी है। लेकिन यूरोपीय देशों में एक बार फिर से कोविड की लहर तेज हो गई है। अभी तक टीकाकरण इसका एकमात्र उपाय था। इसी बीच कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए एक गोली बनाई गई है, जिसका नाम है मोल्नुपिराविर (Molnupiravir)। यूके सरकार ने इस गोली के इस्तेमाल की सबको मंजूरी दे दी है। जिसके बाद से कोविड से लड़ने में यह महत्वपूर्ण हथियार माना जा रहा है। दुनियाभर में चर्चा का विषय का बनी यह दवा आइए जानते हैं इसके बारे में -
मोल्नुपिराविर दवा एक एंटी वारयरल गोली है। जिसे मर्क कंपनी ने बनाया है। 775 लोगों पर ट्रायल किया गया। जिन्हें कोविड होने के 5 दिन के भीतर एंटी वायरल दवा दी गई थी। लगातार निगरानी में रखा गया था। जिसमें 50 फीसदी तक जोखिम को कम पाया। बता दें कि यह दवा उन मरीजों को दी गई थी जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने और मौत के जोखिम का खतरा था।
कैसे काम करती है एंटी वायरल दवा ?
कोविड के विरोध बनाई गई यह दवा सार्स-सीओवी-2 वैरिएंट के खिलाफ लड़ने में साबित हुई। इस गोली का सेवन करने के बाद मानव शरीर के मैकेनिज्म की गड़बड़ियों को ठीक करती है। शरीर में प्रवेश हो चुके वायरस को बढ़ने से रोकती है। जैसे-जैसे दवा का असर शुरू होता है तो वायरस की संख्या कम होने लगती है। जिससे इंसान गंभीर रूप से बीमार होने से बच सकता है। ड्रग नियामक संस्था द्वारा यह दावा किया गया है।
इंग्लैंड के ड्रग नियामक संस्था द्वारा यह भी दावा किया जा रहा है कि इस गोली का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह दवा दिल के मरीज, डायबिटीज, मोटापे से ग्रसित या अन्य बीमारी के मरीज कोरोना की चपेट में आने पर यह दवा ले सकते हैं।
यूके में इस दवा की मंजूरी मिलने के बाद अन्य देश भी इस पर विचार करने लगे हैं। हालांकि भारत में इस दवा के उपयोग पर ड्रग्स नियामक संस्था से किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। फिलहाल अमेरिका द्वारा 17 लाख खुराक पर समझौता किया गया है। वहीं मार्क कपंनी ने साल के अंत तक करीब 1 करोड़ खुराक बनाने का लक्ष्य रखा है।