सेहतमंद जिंदगी के लिए योग को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी जाती है। योग के नियमित अभ्यास से आपको सेहत से जुड़े अनेक फायदे तो होते ही हैं, साथ ही शरीर लचीला और मन शांत भी रहता है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान योग करने की सलाह तो दी जाती है लेकिन अतिरिक्त सावधानी के साथ। यदि आप गर्भावस्था के दौरान योग करना चाहती हैं, जो कि आपको मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से स्वस्थ रखने के लिए फायदेमंद है तो इसके साथ आप सावधानी भी रखें और योगासन करने से पहले योग प्रशिक्षक की सलाह जरूर लें या उनकी देखरेख में ही करें।
आइए जानते हैं गर्भावस्था के दौरान आप कौन-कौन से आसन कर सकती हैं?
कटि चक्रासन
इस आसन से कमर, पीठ और कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायता मिलती है, साथ ही शारीरिक और मानसिक तनाव से भी राहत मिलने में मदद मिलती है।
अर्द्ध तितली आसन
अर्द्ध तितली आसन के नियमित अभ्यास से आपको शरीर में दर्द से आराम मिलता है, साथ ही यह कूल्हों के जोड़ों को आरामदायक अवस्था में लाने के लिए अच्छा आसन है। इससे प्रसव की प्रक्रिया को आसान करने में मदद मिलती है।
पूर्ण तितली आसन
इस आसन को करने से जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव होता है जिससे पैरों के दर्द से राहत मिलती है।
ताड़ासन
ताड़ासन से आपके शरीर में खिंचाव आता है और इससे पैरों के दर्द और थकान से राहत मिलती है।
मेडिटेशन
मन को शांत रखने के लिए मेडिटेशन का नियमित अभ्यास आपको तरोताजा महसूस कराएगा और तनाव कम होगा।