हंसी को हर कोई अपनाना चाहता है। हंसी से किसी को दोस्त बना सकते हैं तो रोते को हंसा भी सकते हैं। गम या कई रोगों को दूर करना हो तो भी हंसी काम आती है।
1. मई के पहले रविवार को मनाया जाने वाला 'वर्ल्ड लाफ्टर डे' यह संकेत देता है कि आज भले ही इसने योग और चिकित्सा के साथ हाथ मिला लिया है पर इसकी अहमियत हमारे जीवन में हमेशा बनी रहेगी। फिर चाहे अपनाने का तरीका कैसा भी हो।
2. बगीचे में सुबह जोर-जोर से ठहाके लगाकर हंसने वालों की आज कमी नहीं। विश्व हास्य योग महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता कहते हैं कि हंसी से तनाव तो दूर होता है और तनाव की वजह से होने वाले रोग भी दूर हो जाते हैं।
3. आज कई शहरों में अधिक हास्य क्लब संचालित हो रहे हैं जिसकी वजह एक नहीं कई हैं। हंसी के द्वारा व्यक्ति न केवल सेहतमंद रहता है वरन् उनके व्यक्तित्व में भी बदलाव आता है। इंसान हंसने से चुस्त व सकारात्मक हो जाता है। हंसी तो ईश्वर द्वारा मानव को दिया सबसे बड़ा उपहार है।
4. हंसने से शरीर के सभी रिलेक्सेशन पॉइंट एक्टिवेट होते हैं, साथ ही हृदय और मस्तिष्क बेहतर कार्य करता है। हंसने से फेफड़े के हरेक भाग में प्राणवायु अच्छे से पहुंचती है, फेफड़ों का व्यायाम भी हो जाता है और रक्तसंचार भी अच्छे से होता है।
5. डॉ. लोंढ़े बताते हैं कि एक बार वे बहुत व्यस्त थे और रोगियों की लंबी कतार लगी हुई थी। ऐसे में एक रोगी के साथ हुई हास्यास्पद चर्चा ने न केवल थकान दूर कर दी वरन् चिड़चिड़ाहट भी काफूर हो गई।
6 . डॉ. एके जैन के अनुसार नियमित हंसें और स्वस्थ रहें :-
निराशा- जोर-जोर से हंसें, क्योंकि अवचेतन मन में जो बात दबी है वह हंसी के माध्यम से बाहर आ जाती है।
गर्भावस्था- शुरू के तीन माह में मध्यम हंसी हंसें और बाद के छः महीने में ऐसा हंसें जिससे पेट के निचले भाग पर जोर नहीं पड़े।
गले की समस्या- जोर से हंस सकते हैं पर हंसी को धीरे-धीरे बढ़ाएं व धीरे-धीरे कम करें।
थायराइड, मोटापा व टांसिल्स- इस दौरान सिंहमुद्रा में हास्य आसन करें।
रक्त संचार- रक्त संचार को सुचारू करने के लिए हंसना सबसे बेहतर होगा।
अस्थमा, ब्लड प्रेशर व हृदय रोगी- धीमा हंसें व मंदमंद मुस्कुराएं।