भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। आंकड़ों की यह बढ़त आधुनिक जीवन शैली और आहार की अनियमितता की वजह से विकराल हो रही है।
डॉ. संजय गुजराती दे रहे हैं पाठकों के प्रश्नों का जवाब। डॉ. गुजराती जानेमाने फीजिशियन और कॉर्डियोलॉजिस्ट हैं। मधुमेह पर उन्हें विशेषज्ञता हासिल है।
प्रश्न : क्या यह सच है कि मधुमेह रोगी को अन्य रोग होने की संभावनाएं ज्यादा होती है?
डॉ. गुजराती : जी हां, काफी लंबे समय तक रक्त शर्करा के उच्च स्तर दीर्घ अवधि में जटिलताएं पैदा कर सकते हैं -
आंखें- रेटिनोपैथी, मोतियाबिंद और एक्स्ट्राऑक्युलर पाल्सीस
कान- गहन शोथ, वर्टिगो
मुंह- गिन्गीवाइटिस, दांतों में ज्यादा वाहक, पेरियोडेन्टल रोग और पायरिया
हृदय- एंजाइना पेक्टोरिस, इश्चेमिक हृदय रोग की संभावना 6 गुना ज्यादा है।
फेफड़े- अनियंत्रित मधुमेह के रोगियों को क्षय रोग होने की संभावना अधिक है।
गर्भावस्था- बच्चे का विकृत आकार, मृत शिशु या गर्भपात, मिसकैरेज़, गर्भावस्था की रक्त विषाक्तता।
इंद्रिय- मोटर, संवेदी और ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी।
रक्त अंग- हायपरटेंशन, कार्डियोवैस्क्युलर दुर्घटनाएं, तंत्रिका के गंभीर रोग, माइक्रो एंजियोपैथी और गैंगरीन
त्वचा- फुंसियों और कार्ब्राकल्स की संभावनाएं ज्यादा होती हैं।
गुप्तांग- बेलेनाइटिस, नपुंसकता, प्रुरिटो वल्वर
संक्रमण-
संक्रमण के खिलाफ कम प्रतिरोधकता, श्वसन प्रणाली में उच्च संक्रमण, सामान्य जुकाम, न्यूमोनिया, कार्बुन्कल, मूत्रीय प्रणाली में संक्रमण, बार-बार क्षय रोग आदि ज्यादा होता है।