लॉकडाउन अर्थात तालाबंदी। इसके तहत सभी को अपने-अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है जिसका सरकार की तरफ से कड़ाई से पालन भी करवाया जा रहा है। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि कोरोना वायरस नामक महामारी मानव जाति के इतिहास में पहली बार आई है।
अब पूरा देश इस वायरस से लड़ने के लिए अपने-अपने घरों में कैद हो गया है। इस महामारी के प्रकोप से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इससे बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है सोशल डिस्टेंसिग यानी कि सामाजिक दूरी। यह संक्रमण एक से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है जिसके कारण भारत सरकार ने लॉकडाउन को ही इससे बचने के लिए आवश्यक कहा है।
अर्थात लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है, जो किसी आपदा या महामारी के वक्त लागू की जाती है। जिस इलाके में लॉकडाउन किया गया है, उस क्षेत्र के लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें सिर्फ दवा और खाने-पीने जैसी जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए ही बाहर आने की इजाजत मिलती है। लॉकडाउन के वक्त कोई भी व्यक्ति अनावश्यक कार्य के लिए सड़कों पर नहीं निकल सकता।
क्यों जरूरी है देश के लिए?
देशभर में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से इससे निपटने की कोशिशें जारी हैं और इसके लिए लगातार प्रयास जारी हैं। लेकिन इस वक्त हर कोई सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दे रहा है। इस महामारी से बचने का सबसे कारगर और बड़ा उपाय लॉकडाउन और सामाजिक दूरी ही है।
देश को कोरोना वायरस से बचाने के लिए लॉकडाउन का होना बेहद जरूरी है। लॉकडाउन की मदद से कोरोना संक्रमण के लिए चेन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ना आवश्यक है इसलिए लॉकडाउन जरूरी है।
सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन न होने पर कोरोना का 1 संक्रमित व्यक्ति लगभग 200 गुना संक्रमण फैला सकता है इसलिए लॉकडाउन का होना आवश्यक है।
सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पालन करने से कोरोना महामारी से निजात पाई जा सकती है।