अम्लपित्त को हाइपरएसिडिटी भी कहते है। यह एक पित्त विकार है, जो शरीर में पित्त की कुछ वजहों से अधिकता के कारण हो जाती है। जब यह कुपित होकर अम्लीय या खट्टा हो जाता है। आइए जानें हाइपरएसिडिटी होने पर क्या करें...
हाइपरएसिडिटी रोग में क्या न खाएं-
नए धान्य, अधिक मिर्च-मसालों वाले खाद्य पदार्थ, मछली, मांसाहार, मदिरापान, गरिष्ट भोजन, गर्म चाय-कॉफी, दही एवं छाछ का प्रयोग, साथ ही तुवर दाल एवं उड़द दाल का प्रयोग कदापि न करें।
अम्लपित्त रोग में क्या खाएं-
हाइपरएसिडिटी/अम्लपित्त रोगी को मिश्री, आंवला, गुलकंद, मुनक्का आदि मधुर द्रव्यों का प्रयोग करना चाहिए।
बथुआ, चौलाई, लौकी, करेला, धनिया, अनार, केला आदि शाक व फलों का प्रयोग करें।
दूध का प्रयोग नियमित रूप से करें।
करें ये उपाय-
1 मुलेठी का चूर्ण या काढ़ा बनाकर उसका प्रयोग रोग को नष्ट करता है।
2 नीम की छाल का चूर्ण या रात में भीगाकर रखी छाल का पानी छानकर पीना रोग को शांत करता है।
3 अम्लपित्त रोग में मृदु विरेचन (माइल्ड लेक्सेटिव) देना चाहिए। इस हेतु त्रिफला का प्रयोग या दूध के साथ गुलकंद का प्रयोग या दूध में मुनक्का उबालकर सेवन करना चाहिए।
4 मानसिक तनाव कम करने हेतु योग, आसन एवं औषधि का प्रयोग करें।