हर तरफ से आपको सलाह मिली कि सनस्क्रीन लगाए बिना न निकलें धूप में। घर के अंदर भी हैं तो सनस्क्रीन का उपयोग करें क्योंकि धूप यहां भी आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं। कम्प्यूटर स्क्रीन के नुकसान से भी आपको सनस्क्रीन बचा लेगी।
इतने फायदे और बढ़ती उम्र को रोकने के लिए जब घर से बाहर निकलें, सनस्क्रीन लगा लें जैसे सुझाव के बाद आपने सनस्क्रीन लगाना शुरू कर दिया है। इस बात से तो आप अंजान हैं कि आपको सनस्क्रीन इतने नुकसान भी पहुंचा रही है। अब फायदे पढ़ लें और नुकसान जान लें और फैसला करें कि सनस्क्रीन लगाना जारी रखना है या नहीं।
सनस्क्रीन के ये हैं नुकसान
1. केमिकल का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल : सनस्क्रीन को सुरक्षा गार्ड में तब्दील करने के लिए एवोबेंज़ोन, ऑक्सीबेंज़ोंन, होमोसैलेट, एक्टीनॉक्सेट जैसे केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं। इनमें कुछ केमिकल त्वचा के माध्यम से अंदर टिश्यू तक पहुंच जाते हैं।
2. ऑक्ज़ीबेंज़ोंन है बेहद खतरनाक : यह केमिकल महिलाओं में यूटेरस के टिश्यू डिस्टर्ब कर देता है। जो टिश्यू यूटेरस के अंदर होना चाहिए, वे बाहर पनपने लगते हैं। पुरूषों की प्रजनन क्षमता में कमी आती है।
3. हॉर्मोन का बैलेंस बिगाड़ना : पैराबेंस, ऑक्सीबेंज़ोंन और त्रिक्लोसन नाम के केमिकल शरीर में हॉर्मोन का संतुलन बिगाड देते हैं। ये अधिकतर सनस्क्रीन में डाले जाते हैं। सनस्क्रीन पर इनकी जानकारी दी जाती है। बेहतर होगा आप पढ़ें।
4. ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढाना : बेंज़ोंफेनंस नाम के केमिकल से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बन जाता है। यह एस्ट्रोजन जैसा नुकसान पहुंचाता है।
5. आंखों में जलन : आंखों के आसपास की स्किन नाज़ुक होती है। यहां भी आप सनस्क्रीन लगाते हैं तो आंखों के लिए खतरा पैदा हो जाता है।
6. कैंसर और ट्यूमर होने की संभावना : सनस्क्रीन केमिकल से भरी है और इन्हीं से बनी है। कोई आश्चर्य नहीं कि इसके इस्तेमाल से कैंसर और ट्यूमर की संभावना बढ़ जाती है।