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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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उत्तेजना में आपके भी बिगड़ते हैं काम, जानिए इलाज...

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उत्तेजना या बेचैनी की शिकायत एक आम बात है। एक अध्ययन के अनुसार 20 से 34 फीसदी लोग इस शिकायत से ग्रस्त हैं।
 
लक्षण:
इस शिकायत में व्यक्ति किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले ही घबराने लगता है। उसका दिल तेजी से धड़कने लगता है, हाथ-पैरों में थरथराहट होती है और पेट में हलचल होती महसूस होती है। इस रोग  का सीधा संबंध हमारे शरीर के तंत्रिका तंत्र से होता है। उत्तेजना से संबंधित दो तरह की बीमारियां प्रायः ज्यादातर लोगों में पाई जाती हैं :
 
अज्ञात भय:
इसे चिकित्सकीय भाषा में 'पैनिक डिसऑर्डर' भी कहते हैं। इस मर्ज में रोगी बगैर किसी कारण के उलझन महसूस करने लगता है। उसे ऐसा लगता है कि मानो उसकी सांसें रुक जाएँगी, दिल जोर से धड़कने लगता है और उसे घुटन-सी महसूस होती है। ऐसे रोगी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाते।
 
उन्हें लिफ्ट में चढ़ने में डर लगता है कि कहीं लिफ्ट गिर न जाए। इसी प्रकार एक दूसरी समस्या को चिकित्सकीय भाषा में सामान्य उत्तेजना गड़बड़ी कहते हैं। इस रोग में रोगी दिन भर घबराता रहता है। वह मामूली आहट से सहम जाता है। इस वजह से उसे नींद नहीं आती और उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
 
उपचार: 
इस तरह की मानसिक बीमारियों के उपचार के लिए अब 'यूएसएफडीए एप्रूव्ड' कई प्रभावशाली दवाएं उपलब्ध हो चुकी हैं। इन दवाओं के सेवन से 12 से 15 सप्ताह के अंदर रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है। इसके साथ ही रोगी को मनोचिकित्सकीय परामर्श भी दिया जाता है।

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