ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BA.2 (स्टील्थ वैरिएंट) अधिक खतरनाक बताया जा रहा है। दुनियाभर में कोरोना के केस कम हो रहे हैं लेकिन BA.2 चिंता का विषय बन गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक BA.2, BA.1 से 33 फीसदी अधिक संक्रामक है। साथ ही इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि यह वैरिएंट आसानी से टेस्ट में नहीं आता है। लक्षण होने के बाद भी रिपोर्ट नेगेटिव आ सकती है। अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. एरिका फेंगिल डिंग के मुताबिक BA.2 को ''वैरिएंट ऑफ कंसर्न'' घोषित कर देना चाहिए।
क्यों मुश्किल है BA.2 को रिपोर्ट में पकड़ना?
विशेषज्ञों के मुताबिक BA.2 सब वैरिएंट अन्य वैरिएंट से अलग है। शरीर में जरूरी म्यूटेशन की कमी होने के कारण इस पता नहीं लग पाता। यूके हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, BA.2 स्ट्रेन को RT-PCR टेस्ट से पकड़ना भी मुश्किल साबित हो रहा है। हालांकि टेस्ट के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट उपयुक्त माना जाता है।
माइल्ड लक्षण और रिपोर्ट नेगेटिव, दोबारा टेस्ट कराएं?
अमेरिका महामारी विशेषज्ञ फहीम यूनुस के मुताबिक ओमिक्रॉन के माइल्ड लक्षण जैसे सर्दी, खांसी और बुखार को नजरअंदाज नहीं करें। ऐसा होने पर तुरंत जांच कराएं। लक्षण होते हैं लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आती है तो 24 से 48 घंटे बाद दोबारा जांच कराएं। पहली बार में एंटीजन टेस्ट करते हैं तो दूसरी बार में आरटी-पीसीआर टेस्ट कराएं।
स्टील्थ वैरिएंट से किन्हें खतरा अधिक -
ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट BA.2 (स्टील्थ वैरिएंट) से हार्ट के मरीज, कोविड से संक्रमित मरीज और कमजोरी इम्युनिटी वाले लोगों का अधिक खतरा है।
ओमिक्रॉन के लक्षण -
ब्रिटेन की ZOE कोविड स्टडी ऐप के मुताबिक, लक्षण एक जैसे ही है। जुकाम होना, सिर दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई होना, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी-दस्त होना जैसे लक्षण नजर आते हैं।
बूस्टर डोज पर भारी BA.2 वैरिएंट
डेनमार्क में BA.2 वैरिएंट के सबसे अधिक मामले सामने आए है। डेनमार्क विशेषज्ञों के मुताबिक इस स्ट्रेन में जेनेटिकली कुछ ऐसे गुण है, जो नए वैरिएंट को अधिक संक्रामक बनाते हैं। ये इम्यून सिस्टम को चकमा देते है। वैक्सीनेट और बूस्टर डोज ले चुके लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। फिलहाल कोविड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सबसे अधिक जरूरी है। ये अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को कम करता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, ओमिक्रॉन के सभी वैरिएंट के खिलाफ कोरोना वैक्सीन असरकारी है। जिस तरह से डेनमार्क में सबसे अधिक मरीज BA.2 वैरिएंट के पाए गए है। लेकिन BA.1 और BA.2 से संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने में बहुत अधिक अंतर नहीं मिला है।
BA.2 वैरिएंट के खिलाफ पैदा नहीं होती क्षमता
वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका ट्रांसमिशन तेज है और यह अधिक गंभीर है। BA.1 संक्रमित होने पर सब वेरिएंट के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा होती है, लेकिन BA.2 में ऐसा नहीं होता है।