आम फल के साथ ही औषधि के रूप में भी कारगर है। आयुर्वेद चिकित्सकों के अनुसार आम के पत्ते दांतों की बीमारी व पेचिश में काम आते हैं। लू से बचाव के लिए कच्चे आम का पना लाभकारी माना जाता है। इसकी गुठली में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। आम उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो कमजोरी, लो एनर्जी व वीक स्टेमिना की परेशानी से गुजर रहे हों। अगर आप वजन ब़ढ़ाना चाहते हैं तो इसे कम-कम मात्रा में दिन में चार से पांच बार खाएं। आम को एक साथ अधिक मात्रा में खाना नुकसानदायक होता है।
अचार
आम का अचार सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। अचार के रूप में साल भर यह हमारे खाने में मौजूद रहता है। टिफिन तो इसके बिना अधूरा ही है। विभिन्न मसालों, नमक व तेल की मदद से कच्ची कैरी के छोटे टुकड़े काटकर अचार तैयार किया जाता है।
चटनी
बाजार में कच्ची कैरी आते ही सबसे पहले चटनी बनाने का क्रम शुरू हो जाता है। पुदीना, प्याज, गु़ड़ या शकर डालकर इसकी खट्टी-मीठी चटनी तैयार कर स्वाद लेकर खाई जाती है।
अमचूर
आम का फल सिर्फ गर्मियों में आता है इसलिए सालभर इसकी कमी न खले इसके लिए कच्चे आम की पतली-पतली फांके काटकर इसे धूप में सुखा लिया जाता है।जब भी जरूरत हो इसे पानी में उबालकर चटनी बनाई जा सकती है। अमचूर का उपयोग सांभर, कढ़ी सहित विभिन्न व्यंजनों में खट्टा स्वाद लाने के लिए भी किया जाता है।
आम रस व पना
कैरियों को उबालकर या आग में भूनकर उसके गूदे से बनाया गया पना हो या पके आम के गूदे से तैयार किया गया आम रस दोनों ही व्यंजन गर्मियों में अधिकांश घरों में रोजाना ही मिल जाएंगे। बच्चे हों या ब़ड़े सभी इसे चाव से खाते हैं।
आम पापड़
साल भर पके आम का स्वाद पाना है तो इसके पके आम का रस या इसका गूदा धूप में सुखाकर आम पाप़ड़ बनाया जा सकता है। आजकल यह मार्केट में आसानी से मिल जाता है। कैंडी व चॉकलेट के तौर पर भी इसे बहुत पसंद किया जा रहा है।