हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी गंभीर बीमारी होती है। इस बीमारी का सही समय पर इलाज नहीं होने से यह कैंसर में परिवर्तित हो जाती है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में साथ में इसके लक्षण और उपचार पर डालते हैं एक नजर...
हेपेटाइटिस क्या है?
हेपेटाइटिस से लीवर में सूजन आ जाता है। इसकी वजह से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इस वायरस के प्रमुख रूप से 5 स्ट्रेन होते हैं। जिन्हें अल्फाबेट से पहचाना जाता है।
हेपेटाइटिस A, B, C, D, E।
- हेपेटाइटिस A और E दूषित पानी पीने और खाने से होती है।
- हेपेटाइटिस B सेक्सुअल कॉन्टैक्ट की वजह से फैलता है।
- हेपेटाइटिस c ब्लड ट्रांसफ्यूजन की वजह से भी हो जाता है।
-साथ ही खून चढ़ाने से भी इस बीमारी का खतरा रहता है।
-जो हेपेटाइटिस B का शिकार होते हैं उन्हें D का खतरा भी रहता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण
बुखार आना, उल्टी होना, पेट के ऊपरी हिस्से में दुगना, त्वचा पीली पड़ जाना, आंखें पीली पड़ जाना, यूरिन का रंग डार्क पीला पड़ जाना।
हेपेटाइटिस के उपचार
-दूषित भोजन और पानी पीने से बचना।
-योग, व्यायाम लगातार करते रहे।
-डॉक्टर के संपर्क में रहे।
-सुरक्षित तरह से शारीरिक संबंध बनाएं।
-अपने टूथब्रश, रेजर और अन्य प्रोडक्ट्स किसी से शेयर नहीं करें।
-शराब, तंबाकू और अन्य निकोटिन युक्त चीजों का सेवन नहीं करें।
बच्चों में हेपेटाइटिस के मामले अचानक बढ़े
बच्चों में हेपेटाइटिस या लिवर में सूजन के मामलों में रहस्यमयी तेजी ने सभी को चिंता में डाल दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 21 अप्रैल तक हेपेटाइटिस के 200 केस सामने आ चुके हैं।
सभी केस एक माह से 16 साल के बच्चों के हैं। 17 बच्चों को लिवर ट्रांसप्लांट कराना पड़ा है। एक मौत दर्ज की गई है। बच्चों में अब तक हेपेटाइटिस के मामले नहीं देखे गए थे। सभी मामले स्वस्थ बच्चों में सामने आए हैं और यह हेपेटाइटिस A, B, C, D और E से अलग स्ट्रेन के हैं। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है।
ये केस आम हेपेटाइटिस वायरस के नहीं हैं। आशंका है कि यह वायरसों के समूह एडिनोवायरस के कारण फैल रहा है। एडिनोवायरस के 99 ऐसे प्रकार मौजूद हैं, जो इंसान को संक्रमित कर सकते हैं। ये व्यक्तिगत संपर्क, सांस की बूंदों और संक्रमित सतह से फैलते हैं। वैज्ञानिक पता लगा रहे हैं कि क्या वायरस की आनुवंशिक प्रकृति में बदलाव आया है, जिसके कारण यह मामूली संक्रमण के बजाय सीधे लिवर को नुकसान पहुंचा रहा है। यूके हेल्थ सेक्यूरिटी एजेंसी के मुताबिक, इसका कारण एडिनोवायरस का स्ट्रेन F41 होने की संभावना है।
एक अनुमान, कोविड पाबंदियों के दौर में बच्चे आम वायरस के संपर्क में नहीं आए। लोगों से कम घुले-मिले। अब सब खुला, बच्चे घर से निकले तो उनका सामना एक के बाद एक वायरस से हो रहा है। इससे उनका इम्यून सिस्टम ज्यादा प्रतिक्रिया कर रहा है, जिससे लिवर में सूजन आ रही है। क्या कोरोना बच्चों को हेपेटाइटिस के प्रति ज्यादा संवेदनशील बना देता है, जिस कारण वे एडिनो वायरस से संक्रमित हो जाते हैं।
माता-पिता क्या करें?
यह परेशान कर देने वाली स्थिति है। हालांकि, दुनियाभर में बहुत कम संख्या में बच्चे प्रभावित हुए हैं। आपके बच्चे में ऐसे लक्षण दिखें और वे लगातार बने रहें तो डॉक्टर से संपर्क करें।
हेपेटाइटिस से बच्चों का बचाव कैसे करें?
बच्चों को वॉशरूम से आने और भोजन से पहले हाथ जरूर धुलवाएं।
बच्चों को वॉशरूम से आने और भोजन से पहले हाथ जरूर धुलवाएं।
बच्चों को नियमित रूप से (खास तौर पर वॉशरूम से आने और भोजन से पहले) हाथ धुलवाएं। उल्टी या डायरिया हो तो स्कूल न भेजें। नाक बहे तो उन्हें टिश्यू पेपर डस्टबिन में डालने और हाथ धोने के लिए कहें।