हींग वास्तव में एक ऐसा घरेलू मसाला है जिसमें अनेक औषधीय गुण छिपे हैं। हींग असल में फेरूला-फोइटिडा नाम के पौधे का रस है। पौधे के रस को सुखाकर हींग बनाई जाती है। भारत में हींग की खेती बहुत कम मात्रा में होती है। हींग ईरान, अफगानिस्तान, तुर्केमिस्तान, बलूचिस्तान, काबुल औैर खुरासान के पहाड़ी क्षेत्रों में होती हैं। वहां से हींग पंजाब और मुंबई लाई जाती है।
महर्षि चरक का कहना है कि हींग दमा के रोगियों के लिए रामबाण औषधि है। हींग हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करती है। हींग बड़ी तीखी और दूर तक सहज ही फैल जाने वाली गंध की स्वामिनी है, जिसकी खुशबू सबका मन मोह लेती है।
आइए जानें एक चुटकी हींग से कैसे रखें अपने स्वास्थ्य को चुस्त-दुरुस्त...
1 हिचकी, डकार या उल्टी होने पर केले के गूदे में मटर के दाने बराबर हींग रखकर खाने से वमन, डकार, हिचकी बंद हो जाएगी।
2 जिनकी स्मरण शक्ति कमजोर हो उन्हें दस ग्राम हींग भूनी, बीस ग्राम काला नमक और अस्सी ग्राम बाय-बडंग पीसकर तीनों को मिलाकर रोज थोड़ा-थोड़ा गर्म पानी के साथ फांकना चाहिए। याददाश्त दुरुस्त होगी।
3 रोज के खाने में जैसे सब्जी-दाल आदि में हींग का छौंक लगाने से यह पेट की रक्षा करती है।
4 छाती में बलगम या कफ जम जाने पर पानी में हींग डालकर लोशन बनाएं और दो-तीन दिन छाती पर मलें कफ खांसी के साथ बाहर आ जाएगा।
5 हाजमा खराब होने पर पेट में तकलीफ होती है, हिंगाष्टक चूर्ण का सेवन करने से हाजमा ठीक हो जाएगा।
6 दांत दर्द में अफीम और हींग का फाहा रखें तो आराम मिलता है।
7 दाद या चर्म रोग होने पर हींग को पानी में घोलकर लेप बनाकर उस पर लगाने से आराम मिलता है।
8 कम सुनाई देने पर हींग को बकरी के दूध में घिसकर दो बूंद कान में डालें, फिर रुई लगाकर सो जाएं। सुबह कान साफ करें कुछ ही दिनों में अच्छे से सुनाई देने लगेगा।
9 पैर फटने पर नीम के तेल में हींग डालकर लगाने से आराम मिलता है।
10 सर्दियों में गर्म पानी के साथ और गर्मी में ताजी छाछ के साथ आधा ग्राम हींग सेवन करने से वायु-गोले का प्रभाव जाता रहेगा।