Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

Frozen Shoulder किसे कहते हैं? जानिए इसके लक्षण और कारण

जानिए Frozen Shoulder के लिए क्या उपचार किए जाने चाहिए

हमें फॉलो करें What Is Frozen Shoulder

WD Feature Desk

What Is Frozen Shoulder

What Is Frozen Shoulder: कंधों में गम्भीर दर्द और अकड़न की समस्या को फ्रोजन शोल्डर कहा जाता है। फ्रोजन शोल्डर की स्थिति में व्यक्ति को कंधों में दर्द और अकड़न की समस्या का सामना करना पड़ता है। जिसकी वजह से उस हिस्से में गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो जाती है।

जिन लोगों को फ्रोजन शोल्डर की समस्या होती है उनके कंधे बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। ऐसे में उन लोगों के लिए कंधों से जुड़ा कोई भी काम कर पाना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि छोटे-मोटे काम जैसे, ब्रश करना, कंघी करना, कार चलाना जैसे काम भी नहीं कर पाते। ये सभी काम करने में कंधों में तेज दर्द होता है और हाथ उठा पाना मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी फ्रोजन शोल्डर इतना गम्भीर हो सकता है कि प्रभावित व्यक्ति के लिए काम कर पाना पूरी तरह मुश्किल हो जाता है और अपने कामों के लिए दूसरों की मदद पर निर्भर होना पड़ता है।ALSO READ: क्या बारिश में मौसम में दही खाना सेहत के लिए सही है?

क्यों हो जाती है फ्रोजन शोल्डर की समस्या?
कंधे के जोड़ और उसके आसपास के सेल्स को शोल्डर कैप्सूल (Shoulder Capsule) के नाम से जाना जाता है। फ्रोजन शोल्डर की स्थिति में कंधे में शोल्डर कैप्सूल में सूजन आ जाती है। सूजन की वजह सेशोल्डर कैप्सूल कड़े और मोटे होने लगते हैं। तेज दर्द होने की वजह से इससे कंधों से जुड़ा कोई भी काम कर पाना मुश्किल हो जाता है।

 
फ्रोजन शोल्डर के लक्षण
कंधे में दर्द और अकड़न (Pain or stiffness in shoulder)
  • रात में दर्द महसूस होना और बार-बार नींद खुलना
  • हाथों को कंधों या पीठ की तरफ मोड़ते समय बहुत अधिक दर्द महसूस करना
  •  
क्या ठीक हो सकती है फ्रोजन शोल्डर की समस्या
फ्रोजन शोल्डर की समस्या आमतौर पर एक तरफ के कंधे में शुरू होती हैं और धीरे-धीरे ये दोनों तरफ के कंधों में महसूस होने लगती हैं। फ्रोजन शोल्डर को ठीक होने में बहुत लम्बा समय लग सकता है। समस्या की गम्भीरता के आधार पर फ्रोजन शोल्डर की समस्या का इलाज किया जाता है। इसमें धीरे-धीरे मरीज का दर्द कम करने और कंधों का मूवमेंट बढ़ाने की कोशिश की जाती है। हालांकि, कुछ मरीजो को ठीक होने में 2-3 साल तक का समय भी लग सकता है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

1 दिन में कितना पीना चाहिए नींबू पानी, जानिए क्या है सही मात्रा