ऐसे कई लोग हैं, जो हृदय की बीमारियों का शिकार होकर अपनी जान गंवा चुके हैं। आपने कार्डियक अरेस्ट या हार्टअटैक के बारे में भी जरूर सुना होगा। कार्डियक अरेस्ट में हृदय खून का संचार करना बंद कर देता है। अधिकतर लोग इसे हार्टअटैक ही समझते हैं, लेकिन इन दोनों में अंतर होता है।
जब हार्टअटैक होता है तो ऐसे में अचानक ही हृदय की किसी मांसपेशी में खून का संचार रुक जाता है। लेकिन कार्डियक अरेस्ट में हृदय खून का संचार बंद ही कर देता है। जब हार्टअटैक होता है तो हृदय बाकी शरीर के हिस्सों में खून का संचार करते रहता है लेकिन ऐसा कार्डियक अरेस्ट में नहीं होता और इसमें सांस नहीं आती है।
हार्टअटैक में व्यक्ति होश में रहता है लेकिन कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति के कोमा में जाने की आशंका बढ़ जाती है।
कार्डियक अरेस्ट में अचानक से हृदय की गति रुक जाती है और ऐसी स्थिति में मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है। यह दिल की ऐसी बीमारी है जिसमें दिमाग व सभी अंगों में रक्त का संचार बंद हो जाता है।
हार्टअटैक के लक्षण 1 महीने पहले नजर आने लगते हैं, जैसे
चक्कर आना
इनके अलावा सांस लेने में अगर आपको किसी प्रकार का परिवर्तन या कमी का एहसास होता है, तो यह भी दिल के दौरे का लक्षण हो सकता है। जब दिल अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाता तो फेफड़ों तक उतनी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती जितनी कि उसे आवश्यकता होती है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
अचानक से गिर जाना
सांस फूलना
बेहोश होना
चक्कर आना
घबराहट महसूस होना
बेचैनी
छाती में दर्द