हर साल हजारों लोग जानकारी और जागरूकता के अभाव में डेंगू बुखार की चपेट में आ जाते हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाया लेकिन आज के हालात कहते हैं कि दिवस मनाने से ज्यादा जरूरी है इस बीमारी की रोकथाम... जिससे कि डेंगू से होने वाली मौतों से बचा जा सकें।
इस बीमारी को जमे हुए पानी में पैदा होने वाले मच्छर से फैलने वाले डेंगू बुखार को हड्डी का बुखार भी कहा जाता है। इससे बचने के लिए कुछ सावधानियां रखना बेहद आवश्यक है। इसके अलावा अगर आप डेंगू की चपेट में आ गए हैं, तो क्या करें उपाय, आइए जानते हैं -
उपाय :
1 अगर आप डेंगू बुखार की चपेट में आ गए हैं, तो जितना हो सके आराम करने पर ध्यान दें और शरीर में पानी की कमी न होने दें। समय समय पर पानी लगातार पीते रहें।
2 मच्छरों से बचाव करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोएं और दिन में भी पूरी बांह के कपड़े पहनें, ताकि मच्छर न काट सके।
3 घर में पानी का किसी प्रकार जमाव न होने दें। घर के आसपास भी कहीं जलजमाव न होने दें, ऐसा होने पर मच्छर तेजी से फैलेंगे।
4 बुखार बढ़ने पर कुछ घंटों में पैरासिटामॉल लेकर, बुखार पर नियंत्रण रखें। किसी भी स्थिति में डिस्प्रिन या एस्प्रिन जैसी दवाईयां बिल्कुल न लें।
5 जल चिकित्सा के माध्यम से भी शरीर का तापमान किया जा सकता है। इससे बुखार नियंत्रण में रहेगा।
सावधानी :
1. डेंगू से बचाव के लिए जितना हो सके सावधानी रखें। इसके लिए हमेशा ध्यान रखें की पानी में गंदगी न होने पाए। लंबे समय तक किसी बर्तन में पानी भरकर न रखें। इससे मच्छर पनपने का खतरा रहता है।
2. पानी को हमेशा ढंककर रखें, और हर दिन बदलते रहें, अन्यथा इसमें मच्छर आसानी से अपनी वंशवृद्धि कर सकते हैं।
3. कूलर का पानी हर दिन बदलते रहें।
4. खिड़की और दरवाजे पर मच्छर से बचने के लिए जाली लगाएं, जिससे मच्छर अंदर न आ सके।
5. पूरी बांह के कपड़े पहनें या फिर शरीर को जितना हो सके ढंक कर रखें।
इसके अलावा डेंगू के लक्षण सामने आने पर, या इस तरह की समस्याएं होने पर अपने डॉक्टर से उचित परामर्श जरूर लें।
डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं और अक्सर दिन के समय में काटते हैं, इनसे बचाव आवश्यक है। डेंगू वायरस से संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है। सामान्यतौर पर डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को काटने से मच्छरों में यह संक्रमण पहुंच जाता है, ऐसे मच्छर अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। डेंगू, सीधे तौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है।
मानसून के आखिरी दिनों में इस बीमारी का खतरा हमारे देश में अधिक बढ़ जाता है। डेंगू के शिकार लोगों में तेज बुखार की समस्या होती है, गंभीर स्थिति में डेंगू का बुखार आंतरिक रक्तस्राव और अंगों की खराबी का भी कारण बन सकता है। कई लोगों में रक्तचाप का स्तर काफी कम हो जाता है जिससे उन्हें शॉक लग सकता है।
डेंगू के लक्षण
डेंगू के शुरुआती लक्षण फ्लू की तरह होते हैं, जिसके कारण अक्सर लोग इसे पहचान नहीं पाते हैं। आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के चार से 10 दिनों के बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं। डेंगू में तेज बुखार होता है, समय के साथ इसके लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। डेंगू में लोगों को इस तरह के लक्षण भी हो सकते हैं।
सिरदर्द
मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों में दर्द,
मतली- उल्टी आना, पेट की खराबी
आंखों के पीछे वाले हिस्से में दर्द
त्वचा पर चकत्ते या लाल रंग के दाने निकलना
डेंगू के शिकार ज्यादातर लोग एक या दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं। कुछ मामलों में गंभीर लक्षणों की स्थिति और समय पर इलाज न मिल पाने के कारण यह जानलेवा भी हो सकती है। पेट में गंभीर दर्द, लगातार उल्टी आना, मूत्र-मल या उल्टी से खून आने जैसे लक्षण गंभीर स्थिति के संकेत हो सकते हैं।
डेंगू का खतरा
जब कोई मच्छर, डेंगू वायरस से संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो वायरस मच्छर में प्रवेश कर जाता है। फिर जब संक्रमित मच्छर दूसरे व्यक्ति को काटता है, तो वायरस उस व्यक्ति के रक्तप्रवाह में प्रवेश करके उसे संक्रमित कर देता है। एक बार डेंगू से संक्रमित रह चुके व्यक्ति को अगली बार भी संक्रमण हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यदि आप डेंगू के प्रकोप वाले इलाकों में रहते हैं या हाल ही में ऐसे जगहों की यात्रा कर चुके हैं तो आपमें संक्रमण का जोखिम अधिक हो सकता है। जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान डेंगू बुखार होता है, उनके बच्चे में भी वायरस फैलाने का खतरा रहता है।
डेंगू का इलाज
डेंगू बुखार के लक्षण, अन्य बीमारियों जैसे चिकनगुनिया, जीका वायरस, मलेरिया और टाइफाइड बुखार की तरह हो सकते हैं, ऐसे में इसके निदान के लिए डॉक्टर खून की जांच कराने की सलाह देते हैं। डेंगू की पुष्टि होने पर इसके लक्षणों के आधार पर इलाज शुरू किया जाता है। डेंगू बुखार के लिए रोगी को खूब अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। रोगी के लक्षणों के आधार पर दवाइयों को प्रयोग में लाया जाता है। कुछ रोगियों के रक्त में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाती है, जिसके लिए विशिष्ट उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
कैसे रहें सुरक्षित
डेंगू से सुरक्षित रहने के लिए बचाव सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। मच्छरों से बचने के प्रयास करे, डेंगू के मच्छर दिन के समय में अधिक काटते हैं। पूरी आस्तीन वाले कपड़ों को पहनें। डेंगू के मच्छर आम तौर पर स्थिर और साफ पानी में प्रजनन करते हैं, इसलिए मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए पानी एकत्रित न होने दें। सप्ताह में कम से कम एक बार खाली कंटेनर, फूलदान, कूलर आदि से पानी निकालकर उन्हें साफ जरूर कर लें। इस तरह के बचाव के उपायों को प्रयोग में लाकर डेंगू के संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है।दवाई का सेवन भी चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही करें।