कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद स्वस्थ मरीज भी गंभीर बीमारियों का शिकार हो गया है। कोविड के दौरान दी जाने वाली दवा के डोज से शरीर के अन्य अंगों पर भी असर पड़ा। जैसे - बाल झड़ना, जोड़ों पर दर्द, थकावट, फेफड़ों पर असर। वहीं कोविड के दौरान या उससे ठीक होने के बाद लोगों के दिल पर असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड 15 से 20 फीसदी मरीजों के दिल पर भी असर डाल रहा है। इसके अलावा जो पहले से ही हार्ट के मरीज है जिनकी बाईपास सर्जरी की गई या जिन्हें स्टेंट लगाया गया है। उन्हें ज्यादा प्रभावित कर रहा है।
युवाओं के दिलों पर भी कोविड का असर देखा जा रहा है। जो हार्ट से पूरी तरह स्वस्थ है उन्हें भी हार्ट अटैक का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक कोविड से ठीक होने वाले लोगों में सांस लेने में समस्या होना, सीने में दर्द, कमजोरी, पल्स रेट का बढ़ना या कम होना जैसी समस्याएं घेरने लगी है। पिछले साल दूसरी लहर के दौरान कोविड से ठीक होने के बाद करीब 70 फीसदी लोगों के हार्ट पर असर पड़ा था।
कोविड और दिल का है कनेक्शन
जी हां, नेशनल हार्ट लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट ने कोविड-19 की बीमारी और दिल के लिए अध्ययन किया था। जिसमें बताया गया कि, कोविड सीधे फेफड़ों पर असर करता है। जिस वजह से मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। और ऑक्सीजन की कमी से कुछ लोगों के दिल पर भी असर पड़ता है। और दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन युक्त खून पंप करने के लिए अधिक मेहनत करना पड़ती है। जिसका असर दिल के टिश्यू पर पड़ता है।
यह जानकर आश्चर्य होगा कि इससे शरीर में इंफ्लेमेशन होती है यानी समस्याएं छोटी होती है लेकिन वक्त के साथ बने रहने से कैंसर जैसा रोग भी हो सकता है। जब हार्ट पर अधिक असर पड़ता है तो दिल की गति तेज हो जाती है। जिस वजह से हार्ट के खून पंप करने की क्षमता कम हो सकती है। इस तरह के मरीजों को दिल का खतरा अधिक रहता है।
कोविड-19 के मरीजों पर हार्ट के खतरे के लक्षणों को इस तरह पहचानें -
- सीने में भारीपन।
- सांस लेने में दिक्कत होना।
- अचानक चक्कर आना।
- पसीना आना।
कोरोना मरीजों में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की शिकायत क्यों बढ़ रही?
- सीने में दर्द, ब्लड क्लॉटिंग एक कारण हो सकते हैं। जिस वजह से हार्ट अटैक की शिकायत सामने आ रही है।
- सांस लेने में परेशानी होने पर कार्डियक अरेस्ट भी हो सकता है।
- कोविड मरीजों में दिल की धड़कन तेज होना सामने आया है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेते रहे।
डॉक्टर की सलाह से ये 2 टेस्ट जरूर कराएं -
डी डिमर टेस्ट और सीआरपी टेस्ट। इससे आपके खून की स्थिति का पता चलेगा। साथ ही आपका हार्ट किस तरह से पंप कर रहा है। ब्लड क्लॉट तो नहीं बन रहा। वहीं सीआरपी टेस्ट भी हार्ट की स्थिति जानने के लिए किया जाता है।
इस तरह रखें दिल का ख्याल -
- डॉक्टर द्वारा लिखी गई दिल की दवा को सही वक्त पर लें।
- स्मोकिंग और शराब की आदत छोड़ दें।
- अपनी डाइट में हरी सब्जियां शामिल करें। मौसमी फल खाएं।
- शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
- डॉक्टर से अपॉइमेंट लेकर फॉलो अप के लिए जरूर जाएं।
- दिनभर आराम नहीं करें। थोड़ी बहुत गतिविधि भी करते रहे।