क्या आपकी कार में भी एसी है? यदि हां, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि आप कैंसर के मरीज हो सकते हैं। जी हां यह बात बिल्कुल सच है। आपको जनकर हैरानी होगी लेकिन एक रिसर्च में ये बात सामने आई है। खास तौर से उन लोगों में इस तरह के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है, जो देर तक शीशाबंद खड़ी कार में बैठते ही एसी चालू कर लेते हैं।
जरा सोच कर देखिए कि आप जब भी कार में जाकर बैठते हैं, या उसे स्टार्ट कर रहे होते हैं, तब गर्म, प्लास्टिक जैसी हल्की सी गंध महसूस करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है, कि यह गंध आखिर किस चीज की है, और कहां से आती है?
दरअसल जब हम कार के चारों दरवाजे और शीशों को बंद कर देते हैं, तो उसमें मौजूद डैश बोर्ड, सीट, एसी की डक्ट्स और वे सभी वस्तुएं जो प्लास्टिक या फाइबर की बनी होती हैं, बेंजीन गैस छोड़ती हैं। बेंजीन एक विषैली और बेहद हानिकारक गैस है, जो कैंसर की उत्पत्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसी स्थिति में जब आप कार में प्रवेश करते हैं, और कांच खोलने के बजाए तुरंत ए.सी. ऑन करते हैं, तो यह गैस वायु के अणुओं के साथ सांस लेते समय आपके शरीर में प्रवेश कर जाती है, जो आपके लिए बेहद खतरनाक है।
बेंजीन गैस न केवल आपको कैंसर का शिकार बना सकती है, बल्कि आपकी हड्डियों पर भी विषैला प्रभाव डालती है। यह आपके खून में मौजूद श्वेत रक्त कणों को नष्ट कर देती है, जिससे आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। इसके अलावा आपके शरीर में बेंजीन के दुष्प्रभाव, एनीमिया और ल्यूकेमिया के रूप में भी दिखाई देते हैं।
गर्भवती महिलाओं में इसके प्रभाव से गर्भपात भी हो सकता है। यही नहीं, बेंजीन आपके गुर्दे और लीवर को सीधे तौर प्रभावित करती है। और इन सभी में सबसे खतरनाक बात यह है, कि हमारा शरीर इस गैस को शरीर से बाहर करने और इसके दुष्प्रभावों से बचने में पूरी तरह से असमर्थ है।
सामान्य तौर पर किसी भी बंद स्थान पर बेंजीन गैस का मानक स्तर 50 मिलीग्राम प्रति वर्गफीट है। वहीं बंद जगह पर पार्क की गई किसी बंद शीशे वाली कार में बेंजीन की मात्रा का स्तर 400 से 800 मिलीग्राम तक होता है, जो कि मानक स्तर से 8 गुना अधिक है। यदि कार को खुली जगह में पार्क किया जाता है, जहां का तापमान 60 फैरनहाइट अंध से अधिक हो, तो बेंजीन का स्तर 2000 से 4000 मिलीग्राम होता है, जो कि मानक स्तर से कम से कम 40 गुना अधिक है। ऐसे में शीशे बंद की गई कार में एकदम से जाकर बैठना, वहां अत्यधिक मात्रा में मौजूद जहरीली बेंजीन गैस को सांस के माध्यम से अपने शरीर में लेकर, कैंसर और अन्य बीमारियों को आमंत्रण देना है।