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भांग औषधि भी है, जानिए 5 फायदे, 5 नुकसान,5 तथ्य, भांग का नशा उतारने के 5 उपाय

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क्या कभी भांग के फायदों के बारे में सुना है? सावधानी रखी जाए तो औषधि है भांग, जानिए भांग के 5 फायदे जो आप नहीं जानते.. अगर सीमित मात्रा में सावधानी के साथ इसका प्रयोग किया जाए तो भांग एक बेहतरीन औषधि भी है। 5 फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे - 
 
एक ओर जहां भांग का अत्यधि‍क सेवन सिरदर्द का कारण बन सकता है, वहीं सिरदर्द का इलाज भी भांग के पास है। जी हां, भांग की पत्त‍ियों का अर्क निकालकर, इसकी कुछ बूंदें कान में डालने से सिरदर्द पूरी तरह से खत्म हो जाता है।
 
पाचनशक्ति को बढ़ाने के लिए भांग फायदेमंद है। साथ ही किसी प्रकार का घाव हो जाने पर, भांग की पत्त‍ियों का लेप बनाकर घाव पर लगाएं। ऐसा करने पर घाव जल्दी भर जाएगा और किसी प्रकार की अन्य परेशानी भी नहीं होगी।
 
यदि आपकी त्वचा अत्यधि‍क रूखी या खुरदुरी है, तो भांग की पत्त‍ियों का इस्तेमाल त्वचा को चिकना बनाने में मदद करेगा। इसकी पत्त‍ियों को पीसकर लेप तैयार करें और इसे त्वचा पर लगाएं।
 
कम मात्रा में भांग का सेवन आपकी इंद्रि‍यों और संवेदनाओं की तीव्रता में इजाफा करती है। जैसे यह स्पष्ट सुनाई देने और दिखाई देने में मददगार है। इसका सेवन आपके खराब मूड को सुधारने का काम भी करता है।
 
भांग के बीज प्रोटीन और 20 अमीनो एसिड से भरपूर हैं, जो कैलोरी को जलाने वाली मांसपेशियों के विकास के लिए अहम हैं। कसरत के बाद भांग के कुछ बीजों का जूस या शेक पीना फायदेमंद होता है।
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भांग पीने के 5 नुकसान
 
भांग पीने के बाद भले ही आपका आनंद बढ़ जाए, लेकिन दिमागी क्षमता कम हो सकती है। भंग का सेवन आपकी दिमागी क्षमता पर बुरा प्रभाव डालती है, जिसे प्रत्यक्ष तौर पर देखा जा सकता है। इसका असर लंबे समय तक दिमाग पर नकारात्मक असर डालता है।
 
भले ही आप विभि‍न्न उपाय आजमाकर भांग का नशा उतार लें, लेकिन नशा उतरने के बाद भी यह आपके दिमाग और व्यवहार पर नकारात्मक असर डालती है। इसके सेवन के कुछ समय बाद आप डिप्रेशन या चिड़चिड़े स्वभाव के शि‍कार हो सकते हैं।
 
भांग का सेवन करना जहां पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी के लिए जिम्मेदार है, वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए इसका थोड़ा भी सेवन करना, गर्भस्थ शि‍शु के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है।
 
भांग खाने के बाद आपको सेहत से जुड़ी कुछ परेशानियां जैसे अत्यधि‍क सिरदर्द, सिर भारी होना, घबराहट, ऊल्टी, मितली, चिंता आदि महसूस हो सकती हैं, जो काफी तकलीफदेह होती हैं। आप बहकी-बहकी बातें कर सकते हैं और कमजोर दिमागी क्षमता हो तो यह आपके मानसिक संतुलन को भी बिगाड़ सकती है। 
 
इसके अलावा भांग का सेवन भूख और नींद की कमी अथवा इनकी अधि‍कता के जिम्मेदार हो सकता है। यह आपके रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है साथ ही मानसिक रोगों को जन्म दे सकता है।
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भांग का नशा उतारने के 5 अचूक उपाय 
 
भांग उतारने के लिए खटाई का सेवन करना सबसे बेहतर तरीका है। इसके लिए आप नींबू, छाछ, दही या फिर इमली का पना बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं। बेशक इन तरीकों से भांग का नशा उतर जाएगा।
 
अगर भांग पीने के बाद बहुत अधि‍क नशा होने से व्यक्ति बेहोशी में हो, तो सरसों का तेल हल्का गुनगुना करके संबंधि‍त व्यक्ति के कान में डाल दें। एक-दो बूंद सरसों का तेल दोनों कानों में डालें।
 
कई लोग घी के सेवन को भी भांग के इलाज के तौर पर प्रयोग करते हैं। इसके लिए शुद्ध देशी घी का अत्यधि‍क मात्रा में सेवन करना बेहद जरूरी है, ताकि भांग का नशा उतरने में आसानी हो।
 
अरहर की कच्ची दाल कर प्रयोग भी भांग उतारने में काफी मददगार है। इसके लिए अरहर की कच्ची दाल को पीसकर पानी के साथ संबंधि‍त व्यक्ति को दें या फिर इसे पानी से साथ पीसकर पिलाएं।
 
भुने हुए चने और संतरे का सेवन, भांग का नशा कम करने का एक बढ़ि‍या विकल्प है। इसके अलावा बगैर शक्कर या नमक डला हुआ नींबू पानी 4 से 5 बार पिलाने पर भांग का नशा उतर जाएगा।
 
क्या कहता है मेडिकल साइंस 
 
भांग की वजह से दिल की धड़कन व ब्लडप्रेशर बढ़ सकता है जिससे कि मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है, साथ ही गर्भवती महिलाओं में भ्रूण पर भी असर हो सकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक भांग से मनोवैज्ञानिक और कॉग्निशन व सर्कुलेशन पर असर होता है। यूफोरिया, एंजाइटी से होने वाले बदलावों के चलते याददाश्त और साइकोमोटर परफॉर्मेंस भांग लेने के बाद सामान्य असर से तीन गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
 
भांग का सेवन करने से हृदयगति व ब्लडप्रेशर में बदलाव के हृदय संबंधी बीमारी के गंभीर परिणाम सामने आते हैं। इसका क्रॉनिक प्रभाव दिमाग पर पड़ने के साथ ही ड्रग की तरह लत भी लग सकती है। भांग से यूटेरो में उल्टा असर हो सकता है और इसकी वजह से मस्तिष्क के विकास में गड़बड़ी संभव है और बाद में बोधन क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है।
 
भांग के परिणाम धूम्रपान की तरह ही होते हैं, जो तम्बाकू को धूम्रपान के तौर पर लेते हैं इसलिए इससे परहेज करना चाहिए। कम उम्र के लोगों में इसका असर वयस्कों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है।
 
कुछ तथ्य
 
* बहुत ज्यादा भांग लेने वालों में इसके उल्टे परिणाम के तौर पर दिमागी हालत गड़बड़ाना और क्रॉनिक सिजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं होती हैं, भले ही कुछ लोग इसे लेना बंद कर दें।
 
* भांग लेने वाले कुछ लोगों की दिमागी स्थिति अतिसंवेदनशील हो सकती है और इससे खतरे में पलटाव उन लोगों में बढ़ जाता है, जो पहले से ही इस तरह की समस्या के शिकार हों और यह उन लोगों में कहीं ज्यादा होने की संभावना होती है, जो सिजोफ्रेनिया से ग्रसित होते हैं।
 
* भांग दिमागी हालत की समस्या वालों में और इसकी गिरफ्त में आने यानी दोनों के लिए ही घातक है।
 
* दिमाग से जुड़े सिजोफ्रेनिया के मामले में कई मामले दर्ज हो चुके हैं जिन्होंने लंबे समय तक भांग का सेवन किया और जिसकी वजह से वे समस्या के शिकार बने। सोच में गड़बड़ी और स्पष्ट एकाग्रता न हो तो इससे याददाश्त पर असर पड़ता है।
 
* भांग लेने से शराब जैसी स्थिति होती है इसलिए इसे लेने के बाद गाड़ी न चलाएं।
 
* शराब, धूम्रपान और भांग को लोग अकसर एक साथ ले लेते हैं। यह खतरनाक है...
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