सौंफ की चाय का सेवन, कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से आपको बचा सकता है। जानिए सौंफ की चाय पीने के यह बेहतरीन फायदे -
1 पेट में होने वाली जलन, एसीडिटी, गैस, पेट दर्द, डायरिया और महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द में भी सौंफ की चाय का सेवन फायदा पहुंचाता है।
2 खून को साफ करने के लिए सौंफ बेहद फायदेमंद है। यह न केवल बेहतरीन ब्लड प्यूरीफायर यानि रक्तशोधक है, बल्कि आपके लिवर और किडनी के लिए भी फायदेमंद है।
3 यह शरीर में वसा के जमाव को कम करती है और आपके वजन को कम करने में मददगार साबित होती है। यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।
4 एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर यह चाय आपको तनाव रहित रहने में मदद करेगी और आपके दिल का भी ख्याल रखने में सहायक होगी। यह आपको लगातार तरोताजा महसूस कराएगी।
5 त्वचा में चमक पैदा करके यह चाय आपके आकर्षण को बढ़ाने में मदद करेगा और झुर्रियों को कम करके आपको जवां दिखाने में भी बेहद सहायक होगी।
*सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लें। इससे आंखों की कमजोरी दूर होती है तथा नेत्र ज्योति में वृद्धि होती है।
* बेल का गूदा 10 ग्राम और 5 ग्राम सौंफ सुबह-शाम चबाकर खाने से अजीर्ण मिटता है और अतिसार में लाभ होता है।
* सौंफ 50 ग्राम व जीरा 50 ग्राम हल्का भूनकर 25 ग्राम काला नमक मिलाकर चूर्ण तैयार कर लें। भोजन के बाद कुनकुने पानी में लें। यह उत्तम पाचक चूर्ण है।
* सौंफ का अर्क 10 ग्राम शहद में मिलाकर लें। खांसी में आराम मिलेगा।
* सौंफ 25 ग्राम, छोटी हरड़ 50 ग्राम, मिश्री या चीनी 50 ग्राम लेकर बारीक चूर्ण बना लें। रात्रि को सोते समय 5 ग्राम मात्रा में कुनकुने जल में लें। कब्ज दूर होगा, मंदाग्नि दूर होगी, गैस व आफरा में आराम मिलेगा।
* यदि आपको पेट में दर्द होता है तो भुनी हुई सौंफ चबाइए। आराम मिलेगा। सौंफ की ठंडाई बनाकर पीजिए, इससे गर्मी शांत होगी और जी मिचलाना बंद हो जाएगा।
* पेट में वायु का प्रकोप हो तो दाल अथवा सब्जी में सौंफ छोंककर कुछ दिनों तक प्रयोग कीजिए।
* यदि कब्ज की शिकायत हो तो रात्रि में सोते समय गुनगुने पानी के साथ सौंफ के चूर्ण का इस्तेमाल करें।
* यदि आपको खट्टी डकारें आ रही हों तो थोड़ी सी सौंफ पानी में उबालकर मिश्री डालकर पीजिए। दो-तीन बार प्रयोग से आराम मिल जाएगा।
* हाथ-पांव में जलन होने की शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट-छानकर, मिश्री मिलाकर खाना खाने के पश्चात 5-6 ग्राम मात्रा में लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।
* जिन व्यक्तियों को संग्रहणी की बीमारी हो, उन्हें चाहिए कि भोजन के बाद आधी कच्ची, आधी भुनी हुई सौंफ तैयार करवाकर दोनों समय नियमित सेवन करें।
* कब्ज दूर करने के लिए 100 ग्राम सौंफ पीसकर रख लें। इसकी दो चम्मच गुलाब के गुलकंद के साथ सुबह-शाम भोजन के बाद खाएँ।
* गले में खराश होने पर सौंफ को चबाते रहने से बैठा गला साफ हो जाता है।