चारोली (charoli) को बोलचाल की भाषा में प्रियाल, पियाल या चिरौंजी भी कहते हैं। अधिकतर सूखे पर्वतीय प्रदेशों में इसके वृक्ष पाए जाते है। यह सेहत और सौंदर्य दोनों की दृष्टि से बहुत काम की है। चारोली को सूखे मेवों में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इसे बहुत पौष्टिक माना जाता है।
आइए जानते हैं-
1 दुर्बलता- चारोली खाने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है तथा बीमार होने की स्थिति में इसका उपयोग लाभदायी है।
2 चमकदार त्वचा- चारोली को गुलाब जल के साथ सिलबट्टे पर महीन पीस कर लेप तैयार कर चेहरे पर लगाएं। लेप जब सूखने लगे तब उसे अच्छी तरह मसलें और बाद में चेहरा धो लें। इससे आपका चेहरा चिकना, सुंदर और चमकदार हो जाएगा। इसे 1 सप्ताह तक हर रोज प्रयोग में लाए। बाद में सप्ताह में 2 बार लगाते रहें। इससे आपका चेहरा लगेगा हमेशा चमकदार।
3 कई रोगों में फायदेमंद- चारोली मधुर, बलवर्द्धक होने के साथ-साथ हार्ट की बीमारी, वात, पित्त आदि के लिए उत्तम माना गया है।
4 पित्ती- शरीर पर शीत पित्ती के ददोड़े या फुंसियां होने पर दिन में एक बार 20 ग्राम चिरौंजी को खूब चबा कर खाएं। साथ ही दूध में चारोली को पीसकर इसका लेप करें। इससे बहुत फायदा होगा। यह नुस्खा शीत पित्ती में बहुत उपयोगी है।
5 स्वस्थ शरीर- चारोली का उचित मात्रा में सेवन करने से शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता हैं।
6 मुंहासे- नारंगी और चारोली के छिलकों को दूध के साथ पीस कर इसका लेप तैयार कर लें और चेहरे पर लगाए। इसे अच्छी तरह सूखने दें और फिर खूब मसल कर चेहरे को धो लें। इससे चेहरे के मुंहासे गायब हो जाएंगे। 1 हफ्ते तक प्रयोग के बाद भी अगर असर न दिखाई दे तो लाभ होने तक इसका प्रयोग जारी रखें।
7 मिठाई- चारोली का उपयोग मिठाई में ज्यादातर किया जाता है- जैसे हलवा, लड्डू, खीर, पाक आदि में सूखे मेवों के रूप में यह काम आता है।
8 खुजली- आप अगर गीली खुजली की बीमारी से पीड़ित हैं तो 10 ग्राम सुहागा पिसा हुआ, 100 ग्राम चारोली, 10 ग्राम गुलाब जल इन तीनों को साथ में पीसकर इसका पतला लेप तैयार करें और खुजली वाले सभी स्थानों पर लगाते रहें। ऐसा करीबन 4-5 दिन करें। इससे खुजली में काफी आराम मिलेगा।
अत: शरीर स्वस्थ रखने के साथ-साथ चारोली सुंदरता को बनाए रखने में भी बहुउपयोगी है।
Charoli benefits in hindi