Protect Child from Air Pollution : दिवाली के बाद भारत में प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। बढ़ते प्रदूषण के कारण हमारे फेफड़ों पर प्रभाव पड़ता है जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। वायु प्रदूषण (air pollution) के कारण हवा में केमिकल और ज़हरीली हवा मिल जाती है। ऐसी स्थिति में मास्क लगाना ज़रूरी हो जाता है और ज्यादा से ज्यादा घर पर रहने के लिए मजबूर भी होना पड़ता है। प्रदूषण के कारण बच्चों के फेफड़े जल्दी प्रभावित होते हैं और कई गंभीर बिमारियों की समस्या भी होने लगती है। चलिए जानते हैं कि आप कैसे अपने बच्चे को बढ़ते प्रदूषण से बचा सकते हैं...
1. मास्क का इस्तेमाल : आप अपने बच्चे को बहार भेजने से पहले मास्क ज़रूर पहनाएं। मास्क की मदद से आपके बच्चे को प्रदूषण से काफी राहत मिलेगी। साथ ही प्रदूषण के कारण होने वाली थकान, सिर दर्द और सांस लेने में तकलीफ की समस्या से भी बचाव होगा। आप N95 मास्क को अपने बच्चों को पहनाएं जिससे लंग इन्फेक्शन की समस्या दूर होगी।
2. एयर प्यूरीफायर प्लांट लगाएं : अपने घर को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए घर में एयर प्यूरीफायर प्लांट ज़रूर लगाएं। आप घर में तुलसी, पीस लिली, एरेका पाम, स्पाइडर प्लांट जैसे पौधे लगाएं जिससे आपका परिवार घर में खुल कर सांस ले सके। साथ ही यह पौधे आपके बच्चे की हेल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद हैं।
3. अच्छी डाइट : बच्चों के फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए आप बच्चे की डाइट में ज़रूरी पोषक तत्व ज़रूर शामिल करें। साथ ही हरी सब्जियां, गाजर, चुकंदर, दूध, गुड़, पनीर, ड्राई फ्रूट्स, खजूर, शहद जैसी पोष्टिक चीज़ें शामिल करें। सर्दियों में फेफड़ों को सेहतमंद रखना ज़रूरी है क्योंकि ठंड के कारण फेफड़ों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसलिए ज़रूरी है कि आप अपने बच्चे को सेहतमंद भोजन कराएं।
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4. ज्यादा से ज्यादा घर पर रहें : आप अपने बच्चे को ज्यादा से ज्यादा घर पर रहने के लिए कहें। बच्चे के लिए घर पर ही एक्टिविटी तैयार करें जिससे वह घर पर ही खेल सकें। इसके साथ ही आप अपने बच्चे को प्राणायाम और अन्य एक्टिविटी करने के लिए भी कहें जिससे उनके फेफड़े हेल्दी रहें।
5. बच्चों को जागरूक करें : बढ़ते प्रदूषण में इन सभी सावधानी के साथ बच्चों को जागरूक करना भी ज़रूरी है। आप अपने बच्चों को प्रदूषण के प्रति सभी सावधानी के बारे में बताएं। साथ ही वायु प्रदूषण को कैसे कम कर सकते हैं इसके बारे में भी आप अपने बच्चों को जागरूक करें।