हर साल 8 जून को 'वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे' या 'विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस' मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है। आइए, आपको बताते हैं कि क्या होता है ब्रेन ट्यूमर, इसके सामान्य लक्षण और उपचार का तरीका -
ब्रेन ट्यूमर क्या है?
ब्रेन ट्यूमर एक खतरनाक रोग है, जिसमें मस्तिष्क में ट्यूमर बनना शुरू हो जाता है। इसमें धीरे-धीरे मस्तिष्क में कोशिकाओं और ऊतकों की एक गांठ बन जाती है जिसे ही ट्यूमर कहा जाता हैं। जब ये ट्यूमर दिमाग के भीतर बनता है तो इसे ब्रेन ट्यूमर कहते है। फिर एक समय बाद इसे ही ब्रेन कैंसर के रूप में पहचाना जाता है। समय रहते इसका उचित इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित होता है। ब्रेन ट्यूमर 3 से 12 या 15 वर्ष की आयु में अथवा 50 वर्ष की आयु के बाद होता है। यह रोग पुरुष या महिला किसी को भी हो सकता है।
आइए, जानते हैं ब्रेन ट्यूमर के कुछ सामान्य लक्षण -
1 ब्रेन ट्यूमर का एक लक्षण सिर दर्द भी है, जो प्रायः प्रातःकाल बहुत तेज होता है और जैसे-जैसे दिन चढ़ता है, सिर दर्द कम होना शुरू हो जाता है। यह दर्द प्रायः सिर के सामने अथवा पीछे की ओर अधिक होता है।
2 इस दर्द के प्रारंभ में साधारण दर्द निवारक दवाओं से तो आराम मिल जाता है, लेकिन फिर इन दवाओं का प्रभाव भी खत्म होता जाता है, साथ ही सिर दर्द की तीव्रता बढ़ती ही जाती है।
3 ब्रेन ट्यूमर में सिर दर्द की तीव्रता के साथ-साथ अन्य लक्षण, जैसे शरीर में चैतन्यता की असामान्यता, किसी विषय पर बार-बार सोचने के लिए बल का प्रयोग करना, दृष्टि में बदलाव, चलने, स्पर्श, सूंघने, सुनने आदि की क्रियाओं में परिवर्तन के लक्षण दिखने लगते हैं।
4 मस्तिष्क अथवा इससे संबंधित क्रियाओं में अचानक परिवर्तन आ जाता है। इसका कारण मस्तिष्क के अंदर किसी अनावश्यक कोश की वृद्धि का होना होता है, जो शरीर के किसी अन्य भाग में गांठ या घाव का प्रतिरूप है। जैसे ही इसके विकास की गति तीव्र होती है, सिर के साथ गर्दन में भी दर्द होने लगता है और रोगी अचानक बेहोश हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर के उपचार का तरीका -
1 इस बीमारी का उपचार बीमारी के लक्षण और परीक्षण से ही कुछ हद तक हो जाता है। फिर भी परीक्षण के बाद विशेष प्रकार की जांच, जैसे सिर का एक्स-रे, कैंट स्केन, रीढ़ की हड्डी से पानी की जांच आदि से रोग की पुष्टि हो जाती है। इन दिनों ब्रेन ट्यूमर का उपचार रोग की प्रारंभिक अवस्था में करना बहुत ही आसान हो गया है।
2 शल्य चिकित्सा, रेडियो थेरेपी तथा दवाएं इस रोग के उपचार के लिए प्रभावी सिद्ध हुए हैं। रोग की स्थिति के अनुसार उपरोक्त विधियों से उपचार किया जाता है।
3 सिर दर्द किसी प्रकार का भी हो, हर व्यक्ति को इसके प्रति सचेत रहना चाहिए। उपरोक्त लक्षण प्रतीत हों तो शीघ्र ही परीक्षण कराकर रोग की पुष्टि करा लेना चाहिए, क्योंकि किसी भी बीमारी की चिकित्सा प्रारंभिक अवस्था में आसानी से की जा सकती है।