Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मौत के दरवाजे पर ले जाती है महिलाओं को, यह 5 खतरनाक बीमारियां

हमें फॉलो करें मौत के दरवाजे पर ले जाती है महिलाओं को, यह 5 खतरनाक बीमारियां
बीमारियां सभी को किसी न किसी तरह से परेशान करती रहती हैं। यद्यपि यहाँ जीवन अवधि की कोई गारंटी नहीं है, लेकिन इसके लिए वैज्ञानिकों द्वारा बहुत-से अनुसंधान किए जा चुके हैं। 
 
आज औरतों को सबसे अधिक संख्या में बहुत-सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है,परंतु 5 ऐसी खतरनाक बीमारियां हैं, जिनका महिलाओं के स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। जैसे दिल की बीमारियां, स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, तनाव और ऑटोइम्यून डिसीज आदि। आइए कुछ जानें इन बीमारियों के बारे में :
 
दिल की बीमारियां
आज दिल की बीमारी के कारण लगभग 29 प्रतिशत औरतें मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं। इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसमें महिलाओं की असामयिक मृत्यु और विकलांगता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। बहुत-सी ऐसी महिलाएँ भी हैं, जो दिल की बीमारी के साथ बहुत-सी तकलीफों जैसे सीढ़ियाँ चढ़ने में असमर्थ होना, सांस लेने में तकलीफ होना आदि का सामना करती रहती हैं, क्योंकि दिल की बीमारी इनकी सभी क्षमताओं को नष्ट कर देती है। 
 
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक गुप्ता बताते हैं कि वास्तव में देखा जाए तो हृदय रोगों में कोरोनरी हृदय रोग सबसे घातक रूप ले चुका है। 'पांच ऐसी खतरनाक बीमारियां हैं, जिनका महिलाओं के स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। जैसे दिल की बीमारियां, स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, तनाव और ऑटोइम्यून डिसीज आदि।' 
 
आज औरतों को सबसे अधिक संख्या में बहुत-सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है,परंतु पांच ऐसी खतरनाक बीमारियां हैं, जिनका  महिलाओं के स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। जैसे दिल की बीमारियां, स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, तनाव और ऑटोइम्यून डिसीज। 
 
स्तन कैंसर
स्तन कैंसर औरतों में पाई जाने वाली एक सबसे प्रचलित बीमारी है। यह लंग कैंसर के बाद दूसरे स्थान पर पाई जाने वाली ऐसी बीमारी है, जो महिलाओं की मृत्यु होने का एक सबसे प्रमुख कारण है। 
 
विशेषज्ञ बताते हैं कि कभी-कभी स्तन कैंसर का डर इतना अधिक बढ़ जाता है कि इसकी वजह से महिलाएं डॉक्टर के पास जांच कराने के लिए भी नहीं जातीं व कभी-कभी सोचने में देर कर जाती हैं कि इलाज कराना जरूरी है या नहीं। आज स्तन कैंसर के लिए बहुत-से इलाज संभव हैं, परंतु महिलाओं को इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए। 
 
हमारे यहाँ 'कैंसर' शब्द आज भी डराता है, लेकिन पश्चिमी देशों में कैंसर का इलाज आज उसी तरह हो रहा है, जैसे अपने यहाँ तपेदिक का, वहीं नई खोजों से स्तन कैंसर का इलाज अब आसान हो गया है। गत कुछ सालों में देश में महिलाओं में स्तन कैंसर के अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
 
हर बात जो बदलाव का कारण होती है, वह तनाव का भी कारण होती है। इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता कि बदलाव अच्छा या बुरा है। दोनों ही तनाव के कारण होते हैं, लेकिन यह हमारे लिए स्वस्थ या अस्वस्थ हो सकते हैं। यह एक व्यक्ति के तनाव के कारणों पर निर्भर करता है।  
 
 ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस भी लोगों को डराता है।  आज देश में लगभग 60 प्रतिशत महिलाएँ इस बीमारी से ग्रस्त हैं। यह बीमारी बड़े स्तर पर इलाज कराने योग्य है। 
 
ऐसा व्यवहार जो कि महिलाएं अपने बचपन, अपनी किशोरावस्था में विकसित करती हैं, उसका इस बीमारी के विकसित होने में वास्तव में एक बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहता है। अधिकतर महिलाएं 40 वर्ष की आयु के बाद बहुत मोटी होने लगती हैं। इससे इनकी नई हड्डियां बननी समाप्त हो जाती हैं और पुरानी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
 
तनाव
तनाव की स्थिति महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक संख्या में पाई जाती है। हर साल लगभग 12 करोड़ महिलाएं इसकी शिकार होती हैं। कभी-कभी हारमोंस में बदलाव आने के कारण भी इस स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। 
 
हर बात जो बदलाव का कारण होती है, वह तनाव का भी कारण होती है। इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता कि बदलाव अच्छा या बुरा है। दोनों ही तनाव के कारण होते हैं, लेकिन यह हमारे लिए स्वस्थ या अस्वस्थ हो सकते हैं। यह एक व्यक्ति के तनाव के कारणों पर निर्भर करता है। तनाव शारीरिक, सामाजिक और मानसिक हो सकते हैं।
 
ऑटोइम्यून डिसिज
ऑटोइम्यून डिसिज उन बीमारियों के समूह में आती है, जिनमें इम्यून सिस्टम हमारे शरीर पर अटैक करता है और टिशूस को नष्ट कर देता है या बदल देता है। 
 
इस श्रेणी में लगभग 80 से भी ज्यादा गंभीर क्रानिक बीमारियां  हैं जिसमें ल्यूपस, मल्टीपल स्किलरोइसिस और मधुमेह आदि भी शामिल हैं। यह विश्वास किया जाता है कि 75 प्रतिशत ऑटोइम्यून बीमारियां महिलाओं में पाई जाती हैं। 
 
यद्यपि ऑटोइम्यून डिसिज ज्यादा प्रचलन में नहीं है इसलिए इसके जोखिमों पर दृष्टि डालना बहुत कठिन होता है। इसके लक्षण भी विशिष्ट नहीं होते हैं, परंतु इसका पूर्ण इलाज होना बहुत जरूरी होता है।
 
यदि आप ऐसा कुछ जानते हैं कि आपके किसी सगे-संबंधी के साथ कुछ गलत हो रहा है तो आपके लिए यह सबसे जरूरी है कि आप किसी अच्छे स्वास्थ्य परामर्शदाता की राय लें।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

30 की हो चली हैं तो यह 6 जांच झटपट करवा लें वरना...