चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलने और आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार सुबह दिल्ली पहुंच गए। खट्टर में दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस बीच निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह और ने भाजपा को समर्थन का ऐलान कर दिया है। इस तरह कांडा समेत 5 निर्दलीयों का समर्थन पार्टी को मिल गया है।
इस बीच जेजेपी ने दुष्यंत चौटाला को अपना नेता चुन लिया है। इस बीच पार्टी ने संकेत दिए हैं कि उसकी पहली प्राथमिकता कांग्रेस है। हालांकि उसने सभी विकल्प खुले रखे हैं।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। भाजपा 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और वह सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े से मात्र 6 सीट पीछे रह गई।
चुनाव में कांग्रेस को 31 सीटों पर जीत मिली है, जबकि जननायक जनता पार्टी (जजपा) को 10 और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) को 1-1 सीट मिली हैं। स्वतंत्र उम्मीदवारों ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि खट्टर हेलीकॉप्टर से दिल्ली के लिए रवाना हुए। उन्होंने अपने सरकारी निवास के पास से ही उड़ान भरी। वे दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भेंट करेंगे और राज्य में सरकार बनाने की संभावनाओं के बारे में चर्चा करेंगे।
पार्टी के पास विकल्प हैं कि वह सिर्फ स्वतंत्र विधायकों के समर्थन से सरकार बनाए या फिर जजपा से संपर्क करे या दोनों विकल्पों पर विचार करे। सूत्रों ने बताया कि खट्टर की दिल्ली यात्रा के दौरान इस सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
राज्य में चुनाव नतीजे भाजपा के लिए निराशाजनक इसलिए रहे, क्योंकि लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी को राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत मिली थी और उसे इस बार 75 से अधिक सीटों पर जीत की उम्मीद थी। हालांकि चुनाव लड़ने वाले पार्टी के 10 मंत्रियों में 8 को हार का सामना करना पड़ा।