नील धारा पक्षी विहार हरिद्वार, पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 2 मार्च 2021 (17:54 IST)
उत्तराखंड का एक शहर हरिद्वार जहां लगता है विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेला। गंगा के तट पर बसा यह नगर बहुत ही खूबसूरत और प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण है। यहां पर शिवालिक पर्वत श्रृंखला से गुजरता राजाजी नेशनल पार्क बहुत ही सुंदर है। पक्षी और वन्य प्राणियों के सुंदर नजारों के साथ ही आप जंगल का आनंद ले सकते हैं। हरिद्वार में ही बहुत ही सुंदर नील धारा पक्षी विहार भी है। आओ जानते हैं इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी।
 
 
1. नील धारा पक्षी विहार पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग की तरह है। यहां पर कई प्रजातियों के देशी और विदेशी पक्षी देखे जा सकते हैं। सर्दियों में यहां साइबेरियन क्रेन एवं अन्य प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में आते हैं। 
 
2. नहर के उस पार नीलपर्वत के नीचे वाली गंगा की धारा को नील धारा कहते हैं। कहा जाता है कि शिवजी ने नील पर्वत के नील नामक एक गण ने यहां पर शंकर जी की प्रसन्नता के लिए घोर तपस्या की थी इसलिए इस पर्वत का नाम नीलपर्वत, नीचे की धारा का नाम नीलधारा तथा उसने जिस शिवलिंग की स्थापना की उसका नाम नीलेश्वर पड़ा।
 
3. पर्यटक इस जगह से शिवालिक हिमालय के शानदार नजारे देख सकते हैं। यह पक्षी विहार हरिद्वार से लगभग 4 किमी दूर स्थित है। यह स्थान भीमगोड़ा बर्राग में स्थित है।
 
4. यह हरि की पौड़ी, हरिद्वार से सिर्फ 4 किमी दूर स्थित है जहां आप अपने खुद के वाहन या ऑटो से पहुंच सकते हैं। यहां के रूट पर बस भी चलती है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है जो नीलधारा पाक्षी विहार से केवल मात्र एक किलोमीटर दूर है।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

lunar eclipse 2025: वर्ष 2025 में कब लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा

Dhanu Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: धनु राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

सिखों के 9वें गुरु, गुरु तेग बहादुर सिंह का शहीदी दिवस

अगर आपके घर में भी अक्सर रहती है धन की तंगी तो धारण करें ये चमत्कारी रत्न, दूर हो जाएंगी सारी आर्थिक परेशानी

अगला लेख
More