गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की मौजूदगी मुकाबलों को न सिर्फ त्रिकोणीय बल्कि रोमांचक भी बनाएगी, लेकिन राज्य की 35 सीटें ऐसी हैं जहां आप के रहते पिछले चुनाव के परिणाम पलट सकते हैं। इन 35 सीटों पर हार-जीत का फैसला 5000 से कम वोटों से हुआ था। इनमें अहमदाबाद ग्रामीण की धंधुका सीट तो ऐसी है, जहां कांग्रेस के राजेश कुमार हरजीभाई ने मात्र 35 वोटों से जीत दर्ज की थी।
ऐसे में आम आदमी पार्टी जिस भी पार्टी के वोटों में सेंध लगाएगी, उसका इन सीटों पर हारना लगभग तय है। हालांकि जानकारों का मानना है कि आप की मौजूदगी से भाजपा को ही ज्यादा फायदा मिलने वाला है। ओपिनियन पोल भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं। सी-वोटर्स के ओपिनियन पोल के मुताबिक भाजपा को 135 से 143 सीटें मिलने की संभावना है, वहीं कांग्रेस 36 से 44 सीटों पर सिमट सकती है। इस पोल में आप को अधिकतम 2 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई है। ऐसे में कह सकते हैं कि आप की मौजूदगी से कांग्रेस का गणित गड़बड़ा सकता है।
क्या कहते हैं 2017 के आंकड़े : गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में 2017 के चुनाव में भाजपा को 99 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस ने 2012 के चुनाव के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करते हुए 77 सीटें हासिल की थीं। 6 सीटें अन्य के खाते में गई थीं। हालांकि मोरबी हादसे के बाद भाजपा बैकफुट पर आई है, लेकिन फिर भी इस बात की संभावना नहीं के बराबर है कि 1995 से राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को शिकस्त मिल जाए। वहीं 2012 के चुनाव की स्थिति को देखें तो भाजपा को 115 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 57 सीटें। 2017 के चुनाव में जहां भाजपा को 16 सीटों का नुकसान हुआ था, वहीं कांग्रेस को 20 सीटों का फायदा हुआ था।
मात्र 35 वोटों से जीते थे कांग्रेस के राजेश : यदि पिछले चुनाव (2017) के परिणामों पर नजर डालें तो राज्य की 7 सीटें ऐसी थीं जहां हार-जीत का अंतर महज 1000 या उससे कम था। इनमें 4 सीटों पर कांग्रेस, जबकि 3 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। अहमदाबाद की धंधुका सीट पर कांग्रेस के राजेश कुमार हरजीभाई ने महज 35 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा के कालूभाई रूपाभाई को हराया था। हलांकि 2012 में इस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
वहीं 9 सीटें ऐसी थीं जहां फैसला 2000 से कम वोटों से हुआ। इनमें 5 सीटें कांग्रेस ने जीती थीं, जबकि भाजपा ने 3 और एक सीट पर एनसीपी ने जीत दर्ज की थी। पोरबंदर सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन मोढवाड़िया को मात्र 1855 मतों से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
गुजरात की 11 सीटें ऐसी रहीं, जहां फैसला 3000 या उससे कम मतों से हुआ। इनमें 8 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस 3 सीटें जीतने में सफल रही थी। वहीं 6 सीटें ऐसी भी थीं, जहां हार-जीत का अंतर 4000 या उससे कम था। इन क्षेत्रों में 5 पर भाजपा एवं 1 पर कांग्रेस जीती थी। 2 सीटों पर हार-जीत का फैसला 4 से 5 हजार वोटों के अंतर से हुआ था। इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव जीता था।
गुजरात विधानसभा चुनाव वादों की बौछार करने वाली आम आदमी पार्टी को कितना फायदा होगा यह तो परिणाम घोषित होने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन यह तय है कि आप राज्य के दोनों प्रमुख दलों को नुकसान जरूर पहुंचाएगी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala