नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक तरफा बाजी मारी। इस चुनाव में नरेंद्र मोदी अपनी ब्रांडिंग से लोगों का भरोसा जीतने में सफल रहे। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने राज्य कांग्रेस की तुलना में करीब 25 फीसदी वोट ज्यादा हासिल किेए। इतना ही नहीं इस बार लोगों का क्रेज नोटा के प्रति भी कम ही दिखाई दिया। नोटा के तहत पड़े वोट की हिस्सेदारी 2017 की तुलना में 9 प्रतिशत से अधिक घट गई।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा को इस चुनाव में 52.5 फीसदी वोट मिले तो कांग्रेस 27.2 प्रतिशत वोट ही हासिल कर सकी। पार्टी को इस चुनाव में भाजपा को 57 सीटों का फायदा हुआ तो कांग्रेस को 60 सीटों का घाटा हुआ।
राज्य में इस चुनाव में 5,01,202 यानी 1.5 प्रतिशत वोट नोटा के थे, जो 2017 के विधानसभा चुनाव में 5,51,594 से कम हैं। खेड़ब्रह्मा सीट पर सबसे ज्यादा 7,331 वोट नोटा पर पड़े, उसके बाद दांता में 5,213 और छोटा उदयपुर में 5,093 वोट पड़े।
देवगढ़ बारिया सीट पर 4,821, शेहरा पर 4,708, निझर पर 4,465, बारडोली पर 4,211, दस्करोई पर 4,189, धरमपुर पर 4,189, चोर्यासी पर 4,169, संखेड़ा पर 4,143, वडोदरा सिटी पर 4,022 और कपराडा पर 4,020 वोट नोटा पर पड़े।
भाजपा ने गुजरात में 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 156 सीट जीतकर गुरुवार को ऐतिहासिक जीत दर्ज की। पहली बार भाजपा ने विधानसभा चुनाव में किसी राज्य में 85 प्रतिशत सीटें जीती है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल राज्य में सबसे बड़ी जीत दर्ज करने सफल रहे। उन्होंने घाटलोदिया सीट पर 1.92 लाख वोटों से कांग्रेस की अमी याज्ञनिक को मात दी।