नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग में स्वतंत्रता की कमी और उसके पक्षपाती होने के आरोपों को खारिज करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने गुरुवार को कहा कि काम और नतीजे बोलते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग चुनावों से पहले नकारात्मक माहौल बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत है।
गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा में देरी के कारणों को लेकर पूछे गए कई सवालों के जवाब में कुमार ने कहा कि कई बार क्रिकेट मैच के बाद हारने वाली टीम अंपायर को जिम्मेदार ठहराती है। सीईसी ने कहा, यहां कोई तीसरा अंपायर नहीं है, लेकिन परिणाम (चुनाव आयोग की तटस्थता के) प्रमाण हैं।
कुमार ने कहा, (आयोग की) स्वतंत्रता के बड़े सवाल पर आते हैं, कार्रवाई और परिणाम बोलते हैं। यदि हम कहें कि परिणाम सही नहीं हैं तो यह संभवत: भारतीय मतदाता का सबसे बड़ा अपमान है। गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में, एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती हिमाचल प्रदेश के साथ ही आठ दिसंबर को होगी।
गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों में से पहले चरण में 89 सीटों पर एक दिसंबर को चुनाव होगा तथा शेष 93 सीटों पर पांच दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। गुजरात में चुनाव की घोषणा जहां गुरुवार को की गई वहीं हिमाचल प्रदेश के लिए चुनावों की घोषणा 14 अक्टूबर को की गई थी। कुमार ने कहा कि देश को आजादी मिलने के बाद से चुनाव दर चुनाव बड़ी संख्या में विधानसभा चुनाव परिणामों से पता चला है कि कई बार आयोग की आलोचना करने वालों को आश्चर्यजनक परिणाम मिले हैं।
गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ऐसा कितनी बार हुआ है, इसके विवरण में मैं नहीं जाना चाहता। लेकिन जिस भी पार्टी या उम्मीदवार ने सवाल उठाए हैं, उन्होंने महसूस किया है कि उन्हें यह मुद्दा नहीं उठाना चाहिए था क्योंकि नतीजे उनके पक्ष में आए हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं कि चुनाव शुरू होने से पहले निर्वाचन आयोग (ईसी) को पार्टियों से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हटाने के लिए लंबे पत्र प्राप्त होते हैं। कुमार ने पार्टियों का नाम लिए बिना कहा, लेकिन वही मशीनें उन्हें वांछित परिणाम देती हैं। फिर सवाल रुक जाते हैं, परिणाम स्वीकार कर लिया जाता है।
हाल में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। सीईसी ने कहा कि निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता चुनाव आयोग के लिए नई नहीं है। कुमार ने कहा, यह एक ऐसी विरासत है जिस पर हमें गर्व है। यह हमारे पूर्ववर्तियों द्वारा घोषित परिणामों की ताकत है।
कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसी) को देश के लोगों को यह बताना चाहिए कि उसने हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभाओं के लिए अलग-अलग तारीखों पर चुनाव की घोषणा क्यों की, जबकि दोनों ही राज्यों में मतगणना एक ही दिन होगी। कांग्रेस के गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा को आधिकारिक खर्च पर कई रैलियां करने का समय मिला और गुजरात में सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग किया गया।(भाषा)
Edited by : Chetan Gour