नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग (EC) गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा गुरुवार दोपहर 12 बजे करेगा। 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है। इस बार भाजपा का जोर उन 35 सीटों पर सबसे ज्यादा है, जहां 5000 से कम वोटों से हार जीत हुई थी। इन सीटों पर आम आदमी पार्टी जिस भी पार्टी के वोटों में सेंध लगाएगी, उसका इन सीटों पर हारना लगभग तय है।
आयोग ने 2017 में अपनाई गई परंपरा का हवाला देते हुए पिछले महीने हिमाचल प्रदेश चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ गुजरात चुनाव कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। हिमाचल प्रदेश में एक ही चरण में 12 नवंबर को चुनाव होंगे और मतगणना 8 दिसंबर को की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना की तारीख को मतदान के करीब एक महीने बाद रखकर आयोग ने स्पष्ट संकेत दिया था कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भी मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।
दोनों राज्यों में 2017 में अलग-अलग तारीखों पर चुनाव की घोषणा की गई थी, लेकिन मतगणना 18 दिसंबर को एक साथ हुई थी। गुजरात में बाढ़ आने के कारण आयोग ने राज्य में हिमाचल प्रदेश के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद चुनाव कराया था।
आप ने मुकाबले को बनाया त्रिकोणीय : केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने गुजरात में मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। पार्टी न सिर्फ आक्रामक ढंंग से प्रचार कर रही है बल्कि उसने टिकट वितरण में भी बाजी मार ली है। दिल्ली और पंजाब की तरह ही गुजरात के लिए भी पार्टी ने प्लान तैयार किया है और उस पर अमल भी किया जा रहा है। जल्द ही पार्टी राज्य में सीएम उम्मीदवार के नाम का ऐलान भी करने जा रही है।
2017 में भाजपा ने जीती थीं 99 सीटें : वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 99 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थीं। पिछले चुनाव में 35 सीटों पर हार-जीत का फैसला 5000 से कम वोटों से हुआ था। धंधुका सीट तो ऐसी है, जहां कांग्रेस के राजेश मात्र 35 वोटों से जीते थे। ऐसे में आम आदमी पार्टी जिस भी पार्टी के वोटों में सेंध लगाएगी, उसका इन सीटों पर हारना लगभग तय है।
Edited by : Nrapendra Gupta